लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर के मामले में बड़ा दावा किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक अशरफ अतीक अहमद को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने की ताक में था जिसकी सूचना यूपी पुलिस को मिल गई थी। 

उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि हमें यह सूचना मिली थी कि उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और उसके भाई अशरफ को छुड़ाने के लिए पुलिस के काफिले पर हमला हो सकता है। इस सूचना के मिलने के बाद पुलिस और स्पेशल फोर्स को तैनात किया गया था। 

प्रशांत कुमार ने कहा कि माफियाओं के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश सरकार ने ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई हुई है और इसी ज़ीरो टॉलरेंस नीति का नतीजा आज सबके सामने है। 

उमेश पाल हत्याकांड में फरार अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी शूटर गुलाम को आज यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने झांसी में मार गिराया। एसटीएफ के मुताबिक असद और गुलाम की घेराबंदी के दौरान दोनों ने एसटीएफ पर हमला कर दिया जिसकी जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाला किया जाएगा। 

अतीक अहमद को अपने बेटे के मारे जाने की खबर प्रयागराज कोर्ट में सुनवाई के दौरान मिली। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद अतीक अहमद रो पड़ा। असद के एनकाउंटर के बाद उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज मुझे इंसाफ मिल गया है। 

असद अहमद अतीक अहमद के तीसरे नंबर का बेटा था। उसके पास एलएलबी की डिग्री भी थी। उसका साथी गुलाम प्रयागराज के एक स्थानीय भाजपा नेता का भाई था। उमेश पाल हत्याकांड में गुलाम का नाम सामने आने के बाद बीजेपी को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा था। 

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