नई दिल्ली/जयपुर। जीएसटी काउंसिल मीटिंग के बाद बने मंत्रियों के समूह से कांग्रेस पार्टी को बाहर रखे जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। अशोक गहलोत ने कहा है कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जिसके जीएसटी काउंसिल में तीन सदस्य हैं, उसे जान-बूझकर मंत्रियों के समूह से बाहर रखा गया है। अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के इस फैसले को भारत के संघीय ढांचे पर प्रहार करार दिया है। 



अशोक गहलोत ने आज अपना एक बयान जारी करते हुए कहा कि 28 मई को हुई जीएसटी काउंसिल मीटिंग के बाद केंद्र सरकार ने मंत्रियों के समूह का गठन किया है। लेकिन एक सोची समझी रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी को इस समूह से बाहर रखा गया है। जबकि जीएसटी काउंसिल में कांग्रेस पार्टी के तीन सदस्य हैं। 





अशोक गहलोत ने आगे कहा कि जीएसटी काउंसिल में सबसे ज़्यादा सदस्य बीजेपी के हैं। कांग्रेस को इस समूह से बाहर रखा जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके साथ ही भारत के संघीय ढांचे पर प्रहार भी है। गहलोत ने कहा कि जीएसटी काउंसिल मीटिंग में जिन पांच राज्यों ने केंद्र की नीति की मुखालिफ की उन्हें भी मंत्रियों के समूह में शामिल नहीं किया गया। मंत्री समूह में जिन राज्यों को शामिल नहीं किया गया है, वो राज्य पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं। 



अशोक गहलोत ने मंत्रियों के समूह की बैठक से पहले आग्रह किया है कि वे किसी भी तरह के विचार विमर्श पर आगे बढ़ने से पहले कांग्रेस के वित्त मंत्रियों के बहिष्कार के बारे में ज़रूर सोचें। गहलोत ने मंत्रियों के समूह को उन राज्यों की मांग पर ध्यान देने में लिए कहा जिसमें राज्यों ने कोविड से जुड़े उपकरणों की सप्लाई पर शून्य फीसदी टैक्स लगाने की बात कही थी।