नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों ने फाइव स्टार होटल में जाम छलकाया था। सर्वोच्च अदालत के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने खुद इस बात को स्वीकार किया है। दरअसल, गोगोई द्वारा हाल ही में लॉन्च संस्मरणों में अयोध्या विवाद पर सुनवाई करने वाले पैनल के जजों के साथ दिल्ली के फाइव स्टार होटल में डिनर के वक्त की एक तस्वीर है। इस तस्वीर को उन्होंने कैप्शन दिया है 'सेलिब्रेटिंग द लैंडमार्क अयोध्या वर्डिक्ट।'

तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने अपनी पुस्तक 'जस्टिस फ़ॉर द जज' में लिखा है कि, 'फैसले वाली शाम मैं न्यायाधीशों को डिनर के लिए ताज मानसिंह होटल ले गया था। वहां हमने चाइनीज खाना खाया और होटल की सबसे अच्छी वाइन की एक बोतल शेयर की।' एक प्रमुख टीवी चैनल को दिए विशेष साक्षात्कार में गोगोई ने इसपर खुलकर बातचीत की है। गोगोई से जब पूछा गया कि एक विवादित मुद्दे पर फैसले का जश्न मनाना उचित था? तो उन्होंने इस बात से इनकार किया कि ये जश्न था। उन्होंने उल्टे सवाल पूछा कि जब आप कभी दोस्तों के साथ डिनर के लिए जाते हैं, तो आपको बाहर का खाना चखने का मन नहीं करता है?

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गोगोई से जब फिर पूछा गया कि क्या यह असंवेदनशील नहीं होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो शायद केस हार चुके थे। इसपर उन्होंने तर्क दिया कि 'सभी जजों ने चार महीने काम किया था। इसलिए हमने सोचा कि हम एक ब्रेक लेंगे. क्या हमने कुछ ऐसा किया है जो उचित नहीं है?' बता दें कि गोगोई वही जज हैं जिनपर कोर्ट की एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

बाद में केंद्र सरकार ने गोगोई को राज्यसभा सांसद मनोनीत किया था। इसपर गोगोई अपनी आत्मकथा में लिखते हैं कि मैने कल्पना नहीं की थी कि मेरे खिलाफ आरोप लगेंगे कि मुझे राज्यसभा की सीट राफेल डील और राम जन्मभूमि मामलों में दिए गए फैसलों के लिए इनाम स्वरूप थे। राज्यसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि सदन में उनकी 10 फीसदी से भी कम उपस्थिति है।

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इसपर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, 'मुद्दा यह है कि जब मुझे लगेगा कि राज्यसभा जाना चाहिए, जरूरी मामले हैं जिन पर मुझे बोलना चाहिए, तब मैं जाऊंगा। मैं सदन का एक स्वतंत्र सदस्य हूं। मैं अपनी मर्जी से जाऊंगा और अपनी मर्जी से बाहर आऊंगा।'