मुंबई। रिलायंस कम्युनिकेशन्स के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है।नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया का प्रकरण आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी है। NCLT ने शुक्रवार (21 अगस्त) को भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दायर केस की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है। अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स (RCOM) और रिलायंस इंफ्राटेल (RITL) ने स्टेट बैंक से 1200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था जिसे कंपनियां चुकाने में असमर्थ हैं। इन कर्जों को अंबानी ने पर्सनल गारंटी पर लिया था।

बता दें कि भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी ने साल 2016 में भारतीय स्टेट बैंक से पर्सनल गारंटी पर 12 सौ करोड़ रुपए कर्ज लिए थे। लेकिन जिन दो कंपनियों के लिए उन्होंने लोन लिया था वह अब दिवालिया हो चुकी है। इसलिए बैंक ने NCLT से अपील की थी कि बैंकरप्सी लॉ के पर्सनल गारंटी क्लॉज़ के तहत उसे अंबानी से रकम वसूलने का अधिकार मिलना चाहिए।

NCLT मुंबई ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि RCOM और RITL दोनों ने जनवरी 2017 में लोन के भुगतान में डिफॉल्ट किया है। उनके एकाउंट को 26 अगस्त 2016 से ही नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर दिया गया था। गौरतलब है कि साल साल 2019 की शुरुआत में RCom ने दिवालिया होने के लिए आवेदन दिया और बताया कि कंपनी के उपर करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। हालांकि, बैंकों का कहना है कि उनका अगस्त 2019 तक RCom के उपर 49,000 करोड़ रुपये का बकाया है।