चेन्नई। तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ कथित हिंसा का मामला उठा रही बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। खुद तमिलनाडु बीजेपी ने अपनी पार्टी की बिहार और यूपी इकाइयों के दावे से किनारा कर लिया है। इतना ही नहीं दोनों राज्यों की भाजपा इकाई को बिना प्रमाण के कोई भी जानकारी साझा करने से मना भी किया है। 

बिहार बीजेपी पर फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप किसी और ने नहीं बल्कि खुद तमिलनाडु बीजेपी के उपाध्यक्ष नारायण तिरुपति ने लगाया है। नारायण तिरुपति ने साउथ फर्स्ट नामक एक मीडिया संस्थान को दिए अपने इंटरव्यू में बताया है कि उत्तर प्रदेश और बिहार की बीजेपी इकाइयों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। 

नारायण तिरुपति ने अपने इंटरव्यू में कहा, "हमने अपने उत्तर प्रदेश और बिहार के समकक्षों से फैलाए जा रहे फेक न्यूज़ के संबंध में बात की और इसको लेकर चिंता व्यक्त की। हमने उनसे यह भी कहा कि बिना किसी प्रमाण के फेक न्यूज़ न फैलाएं।" 

हालांकि नारायण तिरुपति ने तमिल नाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को लेकर कहा कि तमिलनाडु की सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है। प्रवासी कामगारों के समर्थन में सवाल करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। 

बीजेपी नेता ने कहा कि उत्तर भारतीय कामगार राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्मित करने में अहम योगदान निभा रहे हैं। इसलिए हमें उनका खयाल रखना चाहिए लेकिन राज्य सरकार इसे सुनिश्चित करने में पूरी तरह से नाकाम है। 

दरअसल बीते दिनों तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट और हत्या का कथित मामला सामने आया था। बीजेपी के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर इसे इस तरह से प्रोजेक्ट किया गया जैसे तमिलनाडु में बिहारियों पर सुनियोजित तौर पर हमले हो रहे हैं।

यह मामला सामने आने के बाद बिहार सरकार ने अपना एक दल तमिलनाडु भेजा है, जोकि इस मामले की अपने स्तर पर जांच कर रहा है। वहीं फेक न्यूज़ फैलाने के संबंध में तमिल नाडु की पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई सहित मीडिया संस्थानों पर भी कार्रवाई की है। बिहार बीजेपी से जुड़े सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी कार्रवाई करने की तैयारी है।