देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब किया है। मुख्यमंत्री महिला दिवस के अवसर पर गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम को रद्द करके फौरन दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। दिल्ली में आज बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक भी होनी है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पार्टी नेतृत्व  रावत के भविष्य पर फैसला कर सकता है। 

रावत के नेतृत्व से पनपते असंतोष के बीच बीजेपी हाईकमान ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम को देहरादून भेजा था। पार्टी हाईकमान ने दोनों ही नेताओं को इस पूरे मसले पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था। शनिवार को दोनों नेता जब उत्तराखंड पहुंचे तब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण में थे। शनिवार को ही पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें देहरादून तलब किया गया।

दोनों ऑब्जर्वर्स ने अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेज दी है। जिसके बाद ही रावत को दिल्ली बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का संसदीय बोर्ड आज इस बात पर फैसला कर लेगा कि रावत को विधानसभा चुनावों तक मुख्यमंत्री बनाए रखना है या नहीं? अगर बीजेपी रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाती है तो ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री के पद के लिए सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है। 

दरअसल उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व से पार्टी नेताओं की नाराज़गी के चलते काफी उथल-पुथल मची हुई है। बताया जा रहा है कि राज्य के मंत्री और पार्टी विधायक मुख्यमंत्री के नेतृत्व से खुश नहीं है। पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का मानना है कि अगर रावत अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक सीएम बने रहे तो चुनावों में पार्टी को भारी नुक़सान उठाना पड़ सकता है, जिसका सीधा लाभ कांग्रेस को होगा।