बीकानेर। राजस्थान में शिक्षक पात्रता परीक्षा में हाईटेक नकल का मामला सामने आय़ा है। प्रतिष्ठित रीट परीक्षा में उम्मीदवारों और सेंटर के स्टाफ की मिली भगत से नकल की जा रही थी। ये हाईटेक नकल ब्लूटूथ वाली चप्पलों के माध्यम से की जा रही थी। राजस्थान के विभिन्न जिलों से आधा दर्जन लोगों को परीक्षा सेंटर्स से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सरगना का दावा है कि उसने 25 चप्पलें बेची हैं। यह कोई आम चप्पलें नहीं हैं, ये डिवाइस लगी चप्पलें हैं जिन्हें नकल के लिए उपयोग किया जा रहा था। इनकी कीमत 6-6 लाख रुपये हैं। परीक्षा में नकल के लिए तैयार की गई ये 6-6 लाख की चप्पले blue tooth से लैस थी। इन डिवाइस लगी चप्पलों से रीट परीक्षा में नकल कराई जा रही थी। आरोपियों के पकड़े जाने पर अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है।



 





अब इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में तरह-तरह की बातें होने लगी हैं। लोग कह रहे हैं कि नकल करने के लिए लोग इतने इनोवेटिव आइडिया अपनाते हैं, परीक्षा पास करने के लिए नकल, पेपर लीक करवाना, चिट से नकल करना, कॉपी बदलवाना और अंक बढ़वाने में लगे हैं। लोग इतनी कलाकारी इस काम में दिखाते हैं कि उनके सामने सारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी फेल नजर आता है।





बीकानेर के गंगाशहर थाना पुलिस और डीएसटी ने इस चप्पल गिरोह का भंडाफोड किया है। पुलिस इस गिरोह के सरगना से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा है उनमें से एक सरकारी स्कूल का लैब असिस्टेंट है। जबकि तीन छात्र पकड़े गए हैं, जिनमें से एक महिला छात्र भी शामिल है। पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश है।



लाख कोशिशों के बाद भी नकल गैंग अपना नया तरीका निकाल ही लेते हैं। इस ब्लूटूथ वाली चप्पल से छात्र खुलेआम नकल कर रहे हैं।आरोपियों का दावा है कि प्रदेश भर में कुल 25 उम्मीदवारों को ऐसी खास चप्पल बेच चुके हैं। बीकानेर के अलावा पुलिस ने अजमेर के किशनगढ़ सेंटर से भी रविवार को रीट की परीक्षा देने आए एक छात्र की चप्पलों में ब्लूटूथ डिवाइस मिला है, उसके कान से भी ब्लूटूथ मिला है। छात्रों और चप्पल बेचने वाले गैंग के सरगना से पूछताछ की जा रही है।