नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। चिराग पासवान ने खुद को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता दिए जाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। चिराग पासवान ने कहा है कि चूंकि पार्टी अपने बाकी सांसदों को पहले ही हटा चुकी है, इसलिए लोकसभा में उन्हें (चिराग) ही संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता मिलनी चाहिए। 

यह भी पढ़ें : एलजेपी ने पशुपति पारस सहित पांचों सांसदों को पार्टी से हटाया, निरस्त की प्राथमिक सदस्यता

चिराग पासवान ने अपने पत्र में ओम बिरला को लिखा है कि लोक जनशक्ति पार्टी के संविधान के आर्टिकल 26 के तहत पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड ही यह निर्णय करता है कि सदन में पार्टी के संसदीय दल का नेता कौन होगा। इसलिए पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुना जाना पार्टी के संविधान के खिलाफ है।

चिराग पासवान ने कहा है कि यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इन सांसदों को पहले ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने हटा दिया है। चिराग पासवान ने कहा है कि इसलिए 13 जून को लिए गए निर्णय की समीक्षा करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही चिराग पासवान को बतौर एलजेपी के संसदीय दल के नेता की मान्यता देते हुए नया सर्कुलर जारी करना चाहिए। 

यह भी पढ़ें : पशुपति पारस को एलजेपी ने चुना अपना नेता, अलग थलग पड़ गए चिराग

दरअसल एलजेपी में बगावत के स्वर उठने के बाद चिराग पासवान को छोड़कर पार्टी के सभी चार सांसदों ने पशुपति पारस को लोकसभा में अपना नेता चुन लिया था। इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने चिराग को छोड़कर बाकी पांचों सांसदों को पार्टी से हटा दिया। अब चिराग पासवान ने खुद लोकसभा अध्यक्ष से उन्हें पार्टी के संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता देने की मांग की है।