क्या आप जिस इंस्टाग्राम ऐप का इस्तेमाल अपनी तस्वीरें शेयर करने के लिए करते हैं, उसके जरिए आपकी जासूसी की जा रही है? क्या इसके लिए इंस्टाग्राम चुपचाप आपके फोन कैमरे को इस्तेमाल करता है और आपको इसकी खबर भी नहीं होती? क्या इस तरह आपके बेहद निजी पलों की तस्वीरें भी इंस्टाग्राम से होते हुए उसकी मालिक कंपनी फेसबुक तक पहुंचाई जा रही हैं? क्या ये सारा कुछ इसलिए किया जा रहा है ताकि आप पर हर समय नज़र रखी जा सके और इस तरह आपके बारे में हर वो जानकारी फेसबुक को मिले, जिसका इस्तेमाल मार्केट रिसर्च और आपकी सोच को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है? ये तमाम गंभीर सवाल अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को की फेडरल कोर्ट में दर्ज कराई गई एक शिकायत से उठे हैं।
 

आई-फोन का कैमरा ऑन और यूजर को पता भी नहीं ! 
ब्लूमबर्ग के मुताबिक फेसबुक के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई है अमेरिका की एक इंस्टाग्राम यूज़र ब्रिटनी कॉन्डीटी ने। ब्रिटनी का कहना है कि इंस्टाग्राम ऐप उनके आईफोन के कैमरे को उस वक्त भी ऑन रखता है, जब वो उसका इस्तेमाल नहीं कर रही होतीं। उनका आरोप है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ऐप यूज़र्स के बेहद निजी पलों के बारे में भी वो तमाम जानकारियां और आंकड़े जुटाए जा सकें, जो आमतौर पर उपलब्ध नहीं होते। ब्रिटनी का कहना है कि मोबाइल कैमरे के माध्यम से की जा रही इस जासूसी के जरिए इंस्टाग्राम और फेसबुक ने कंज्यूमर्स से जुड़ी बेहद कीमती जानकारियों और मार्केट रिसर्च डेटा को इकट्ठा करने का काम किया है।

फेसबुक ने कहा 'बग' के कारण झूठे नोटिफिकेशन मिले

बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी एक खबर के मुताबिक फेसबुक ने ब्रिटनी के इन आरोपों को गलत बताया है। फेसबुक का कहना है कि सारी समस्या एक ‘बग’ की वजह से पैदा हुई है, जिसे दूर किया जा रहा है। कंपनी का कहना है कि इसी ‘बग’ की वजह से ऐसे झूठे नोटिफिकेशन मिले कि इंस्टाग्राम आईफोन के कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि कंपनी के खिलाफ शिकायत करने वाली ब्रिटनी का साफ मानना है कि कैमरे का इस्तेमाल जानबूझकर किया जा रहा है।

फेसबुक पर पहले भी लगे हैं आरोप

इससे पहले फेसबुक पर फेशियल रिकग्निशन टेक्नॉलजी यानी चेहरे को देखकर यूजर्स को पहचाने की तकनीक का गलत इस्तेमाल करने के आरोप भी लग चुके हैं। पिछले महीने दर्ज एक केस में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक ने फेशियल रिकग्निशन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके 10 करोड़ से ज्यादा इंस्टाग्राम यूज़र्स के बायोमेट्रिक डेटा गैर-कानूनी ढंग से जुटा लिए हैं। फेसबुक ने उस वक्त भी आरोपों से इनकार किया था। हम आपको बता दें कि फेसबुक ने 2012 में ही इंस्टाग्राम को खरीद लिया था।