नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की आज हुई बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन से लेकर देश की आर्थिक हालत से लेकर अर्णब गोस्वामी के लीक हुए वॉट्सऐप चैट तक जनहित के कई मामलों पर अपनी बात रखी। अर्णब गोस्वामी के लीक हुए चैट की तरफ़ इशारा करते हुए उन्होंने इस तरह की हरकतों को देश की सुरक्षा के साथ समझौता बताया। इसके साथ ही सोनिया गांधी ने कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी ने अर्णब गोस्वामी  और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच वॉट्सऐप पर हुई चैटिंग के लीक हुए डिटेल्स की जांच साझा संसदीय समिति से कराने की मांग भी की है। पार्टी की कार्यसमिति में आज इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। 

‘रिपब्लिक टीवी' के मालिक अर्णब गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट का हवाला देते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखी हैं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है। जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।’’

इसके साथ ही सोनिया गांधी ने इतिहास में पहली बार तकनीकी रूप से  आर्थिक मंदी का शिकार हुई अर्थव्यवस्था पर भी चिंता ज़ाहिर की। सोनिया गांधी ने इस मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लगता है सरकार निजीकरण को लेकर बेहद हड़बड़ी में है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,‘‘एक सप्ताह में संसद का सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र होगा, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी की कार्य समिति (CWC) की बैठक में किसानों के प्रति सरकार के बर्ताव पर गहरा एतराज़ ज़ाहिर किया। सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है। उन्होंने कहा, यह साफ़ है सरकार ने कृषि कानून बेहद जल्दबाजी में बनाए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन कानूनों का विरोध कर रही है, क्योंकि ये क़ानून देश की खाद्य सुरक्षा की बुनियाद को ही ध्वस्त कर देंगे।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक चुनाव पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद कराए जाएँगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जून तक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा।