नई दिल्ली। कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व मंत्री शकील अहमद का निलंबन कांग्रेस ने रद्द कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने शकील अहमद के लिए अपने दरवाज़े भी खोल लिए हैं। शकील अहमद ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान लोकसभा का टिकट न मिलने की वजह से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसके बाद कांग्रेस ने शकील अहमद को निलंबित कर दिया था।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने यह जानकारी दी है कि कांग्रेस से निलंबित नेता शकील अहमद का निलंबन अब कांग्रेस ने वापस ले लिया है। पार्टी महासचिव मोतीलाल वोरा ने गोयल को लिखे पत्र में बताया है कि ' 22 अगस्त को आपके लिखे पत्र को संज्ञान में लेते हुए कांग्रेस ने शकील अहमद के निलंबन को रद्द कर दिया है, अतः आप अपने स्तर से कार्यवाही कर सकते हैं।'
हालांकि अहमद की वापसी पर कांग्रेस अपने सहयोगी दल आरजेडी से कितना सामंजस्य बैठा पाएगी यह समय ही बता पाएगा क्योंकि पिछले चुनावों के दौरान मधुबनी लोकसभा सीट से टिकट आरजेडी के उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्दीकी के खाते में चले जाने से शकील निर्दलीय चुनाव लड़ने मैदान में उतर गए थे। नतीजतन कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। लोकसभा चुनावों के जब परिणाम सामने आए है, तो हुकुमदेव (पहले) और सिद्दीकी (दूसरे) के बाद शकील अहमद को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार हुकुमदेव नारायण यादव के जीतने की एक बड़ी वजह अहमद और सिद्दीकी के बीच विभाजित झुए वोटों को भी माना गया था।
बात दें कि शकील अहमद मधुबनी से दो बार (1998 और 2004) में सांसद रह चुके हैं। अहमद केंद्र में दो बार मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वे तीन बार विधायक रहने के साथ साथ बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।