दिल्ली। दिल्ली में कोरोना महामारी के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनज़र छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर लगी रोक को हाईकोर्ट ने सही ठहराया है। लेकिन बीजेपी के नेता इस फैसले को लेकर केजरीवाल सरकार पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं? यहां तक कि बीजेपी सांसद और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने तो भाषा की सारी मर्यादा को ताक पर रखकर मुख्यमंत्री केजरीवाल को नमकहराम तक कह दिया। जाहिर है कि छठ के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगाने का जो कारण हाईकोर्ट को साफ नज़र आ रहा है, वो मनोज तिवारी की समझ से बाहर है।



दिल्ली हाईकोर्ट ने सार्वजनिक छठ पूजा पर लगी रोक को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लोग जिंदा रहेंगे तो आगे कभी भी पर्व मना लेंगे। याचिकाकर्ता ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सार्वजनिक स्थानों पूजा पर रोक के आदेश को चुनौती दी थी। डीडीएमए ने नदी के किनारों, तालाबों, मंदिरों और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा नहीं करने का आदेश दिया था।



बुधवार को सुनाए गए अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कोरोना महामारी के मद्देनजर नदी-तालाबों और मंदिरों में सार्वजनिक रूप से छठ पूजा मनाने की इजाजत देना ठीक नहीं होगा। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने की अनुमति देने से कोरोना संक्रमण में और तेजी आ सकती है।



लोगों की भीड़ कोरोना संक्रमण के सुपर स्प्रेडर का काम करेगी



दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत देना संक्रमण को तेजी से बढ़ने की अनुमति देना है। छठ पर्व पर घाटों पर हजारों की संख्या में लोग जमा होते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस का फैलाव बड़े पैमाने पर होने का खतरा है। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी ऐसी याचिका लगाने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा समय में इस तरह की याचिका जमीनी सच्चाई से परे हैं। अदालत ने कहा कि हजारों लोगों के एक साथ जमा होना कोरोना संक्रमण के सुपर स्प्रेडर का काम करेगा, लिहाजा इस पर रोक जारी रहनी चाहिए।



बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दी केजरीवाल को दी गाली



दिल्ली की जनता के हित में लगाई गई रोक का फैसला भले ही हाईकोर्ट को सही लग रहा हो, लेकिन दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और  सांसद मनोज तिवारी को यह सीधी सी बात समझ नहीं रही। या शायद उनकी समझ पर सियासत का पर्दा पड़ गया है। तभी तो दिल्ली सरकार की तरफ से बरती जा रही एहतियात का समर्थन करने की जगह उन्होंने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नमकहराम तक कह डाला। बीजेपी सांसद ने अपने ट्वीट में लिखा, "कमाल के नमक हराम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। कोविड के सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कर आप छठ नहीं करने देंगे और गाइड लाइंस केंद्र से मांगने का झूठा ड्रामा अपने लोगों से करवाते हैं, तो बताएं ये 24 घंटे शराब परोसने के लिए परमिशन कौन सी गाइड लाइंस फॉलो करके ली थी, बोलो सीएम।"



  





इतना ही नहीं, मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार नमक हराम की श्रेणी में आ गई है। वह जिनके कारण वे सत्ता में है, उन्हीं को चोट पहुंचाने का काम कर रही है। बिहार के लोग दिल्ली में रहते हैं, उनके बल पर ही उनकी सरकार है, लेकिन उन्हें ही छठ मनाने से रोका जा रहा है। छठ मां सब देख रही हैं, वहीं इंसाफ करेंगी। वहीं मंगलवार को बीजेपी के पूर्वांचल प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने पूजा पर रोक के फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था।