मुंबई। अजित पवार और एनसीपी के अन्य नेताओं को महाराष्ट्र सरकार में शामिल करने के बाद एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना के विधायकों की बेचैनी तो सामने आ ही गई थी। अब बीजेपी विधायकों की अहजता भी सामने आने लगी है कि मंत्रिमंडल के अहम पद तो अजित पवार गुट की एनसीपी को दिए जा रहे हैं तो उनके लिए क्या बचा?

रिपोर्ट्स के मुताबिक डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणविस ने भाजपा के असंतुष्ट विधायकों को समझाया है कि उन्हें जल्द ही अच्छा पुरस्कार दिया जाएगा। दक्षिण मुंबई के एक क्लब में फडणविस ने बीजेपी विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें नाराज विधायकों ने सवाल उठाया कि ऐसी पार्टी जिसकी विचारधारा हमेशा संदिग्ध रहेगी, उन्हें बीजेपी विधायकों के मुकाबले क्यों अहम पद दिए जा रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक फडणविस का जवाब था कि, “हम इसे अनदेखा नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे नरेंद्र मोदी की नीतियों के प्रति आकर्षित हुए हैं और हमसे सम्पर्क कर रहे हैं।” लेकिन फडणविस के इस जवाब से बीजेपी विधायक संतुष्ट नजर नहीं आए, जिसके चलते मजबूरन फडणविस को कहना पड़ा, “विपक्ष को कमजोर करने के लिए कुछ तो करना ही था, इसीलिए यह कदम उठाया गया है। लेकिन जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा और आपमें से बहुत से लोगों को उसमें जगह दी जाएगी।”

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी विधायकों का मानना है कि विपक्षी एकता पहले की तरह मजबूत बनी हुई है और अल्पावधि और दीर्घावधि में उन्हें ही नुकसान हो सकता है। इस बीच खबरें आईं कि फडणविस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि शिंदे को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। इन कयासों को आदित्य ठाकरे ने भी हवा दी।

इससे पहले शनिवार को एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणविस और अजित पवार ने एक साथ महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले का दौरा किया। इस कार्यक्रम में तीनों नेता एक मंच पर नजर आए। माना जा रहा है कि यह भी नाराज विधायकों को शांत करने और शिंदे के इस्तीफों की सरगोशियों पर मिट्टी डालने की कोशिश भर ही था।