कोलकाता। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से 24 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले पर सीएम ममता बनर्जी भड़क गईं। उन्होंने इसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा है कि इस फैसले के खिलाफ धरने पर बैठेंगी। ममता ने ट्वीट कर बताया है कि आज दोपहर 12 बजे वे राजधानी कोलकाता स्थित गांधी मूर्ति के पास धरना देंगी।

चुनाव आयोग ने कल देर शाम ही आदेश जारी कर सीएम बनर्जी को प्रचार करने से 24 घंटे के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। आदेश के मुताबिक सोमवार रात आठ बजे से लेकर मंगलवार रात आठ बजे तक टीएमसी सुप्रीमो कोई प्रचार प्रसार नहीं करेंगी। माना जा रहा है कि सीएम के खिलाफ यह कार्रवाई कथित रूप से अल्पसंख्यकों को एकजुट होने और केंद्रीय बलों के घेराव वाले बयान को लेकर हुई है। ममता के खिलाफ कार्रवाई मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के कार्यकाल का संभवतः आखिरी निर्णय था, चूंकि आज वे रिटायर हो रहे हैं और उनके जगह सुशील चंद्रा मुख्य चुनाव आयुक्त का जिम्मेदारी संभालेंगे।

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चुनाव आयोग इस निर्णय को लेकर चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहा है। टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने कहा है कि, 'मुझे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर हमेशा से संदेह था। चुनाव आयोग मोदी और शाह के इशारे पर काम कर रही है। लोकतंत्र के हर संस्था के साथ समझौता कर लिया गया है।' वहीं इस मामले पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि, '12 अप्रैल भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है।'

किस बयान को लेकर बैन हुईं ममता?

ममता बनर्जी ने बीते तीन अप्रैल को हुगली जिले के तारकेश्वर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय से अपील की थी की वे अपना वोट बंटने नहीं दें। सीएम ने कहा था कि, 'मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि अल्पसंख्यक वोटों को बंटने न दें। बीजेपी अल्पसंख्यक वोटों को बांटने की साजिश कर रही है।' उधर कूचबिहार में उन्होंने केंद्रीय बलों के घेराव की बातें कही थी। उन्होंने कहा था कि, 'केंद्रीय बल यदि वोट देने से रोकें तो मैं महिलाओं से कहना चाहती हूं, कुछ लोग उनका घेराव करें और कुछ मतदान करें।'