श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने गुरुवार को श्रीनगर स्थित अपने आवास पर बैठक बुलाई थी। बैठक खत्म होने के बाद एनसी नेता ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी बैठक का मुख्य उद्देश्य यह देखना था कि पिछले 12 महीनों से हमारे जो लोग घरों में बंद हैं वह अब बाहर आ सकते हैं या नहीं, क्योंकि सरकार ने न्यायालय में कहा है कि किसी को बंद नहीं रखा गया है।

उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह बैठक सिर्फ एक बार नहीं होगा। अब्दुल्ला ने कश्मीरियों के हालात के बारे में कहा है कि, 'यहां के लोग आज सबसे दयनीय स्थिति में हैं। व्यवसाय शून्य हैं, पर्यटन शून्य हैं। हर जगह पीड़ा है।' दरअसल, प्रदेश प्रशासन द्वारा उच्च न्यायालय में किसी भी नेता को हिरासत या नजरबंद रखे जाने से इंकार को आधार बनाते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आज बैठक रखी थी। 

फारुख अब्दुल्ला ने फैसला लिया है कि अब पार्टी नेताओं के साथ सिलसिलेवार बैठकों का आयोजन किया जाएगा। गुरुवार को इसी क्रम में पहला बैठक आयोजित किया गया था। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के कारण एहतियातन चार-चार नेताओं को ही क्रमानुसार बुलाया जाएगा। इस दौरान अगर प्रशासन किसी नेता को रोकता है तो पार्टी इसे मुद्दा बनाएगी और न्यायालय में यह साबित करेगी कि उन्हें नजरबंद रखा गया है।

इसके पहले बीते 5 अगस्त को अब्दुल्ला को बैठक करने की अनुमति नहीं मिली थी वहीं उसी दिन कश्मीर के बीजेपी नेता धारा 370 हटाए जाने के पहले वर्षगांठ को मिठाई बांटकर जश्न मना रहे थे। इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई थी।