नई दिल्ली।चीन के साथ एलएसी पर जारी तनाव को कम करने के क्रम में दोनों सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत का एक दौर और होना है। इस बैठक में पैंगोग सो इलाके में गतिरोध को कम करने पर चर्चा होगी। यह बैठक चीन की तरफ मोलडो में होनी है। बताया जा रहा है कि भारत इस बैठक में चीन से कहेगा कि उसे इस साल अप्रैल की यथास्थिति से कुछ भी कम मंजूर नहीं है। दोनों पक्षों के बीच यह इस तरह की पांचवीं बैठक होगी।

कहा यह भी जा रहा है कि इस चर्चा का प्रमुख बिंदु तनाव वाली जगहों से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए अंतिम फ्रेमवर्क तैयार करना होगा। इससे पहले 14 जुलाई को भारत और चीन की सेनाओं के बीच चौथी कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी, जबकि 6 जुलाई को तनाव कम करने के कदम उठने शुरू हुए थे। तब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकरा अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लगभग दो घंटे की टेलिफोनिक वार्ता हुई थी।

तनाव कम करने के कदमों के तहत चीन की सेना गलवान घाटी सहित कुछ और बिंदुओं से पीछे हट गई है। हालांकि, चीनी सेना पैंगोग सो में फिंगर इलाकों से पीछे नहीं हटी है, जैसी की भारत की मांग है। भारत लगातार कह रहा है कि चीन को फिंगर चार और फिंगर आठ से पीछे हट जाना चाहिए।

24 जुलाई को दोनों पक्षों के बीच हुई राजनयिक स्तर की बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्ष इस बात सहमत हुए हैं कि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल्स के तहत एलएसी पर त्वरित और पूरी तरह से तनाव कम करना दोनों देशों के रिश्तों के विकास के लिए जरूरी है।