नई दिल्ली। अक्सर विवादों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को संसद में अनुपस्थिति पर बयानबाजी करना भारी पड़ा गया है। वर्तमान में राज्यसभा सांसद गोगोई के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने विशेषाधिकार का नोटिस भेजा है। 

टीएमसी ने अपने नोटिस में कहा है कि जस्टिस गोगोई का बयान राज्यसभा की अवमानना है और यह उच्च सदन की प्रतिष्ठा का महत्व कम करने वाला है। इसलिए यह विशेषाधिकारों के हनन का मामला बनता है। टीएमसी ने इस नोटिस में जस्टिस गोगोई के विवादित बयान का अंश भी शामिल किया है।

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राज्यसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि सदन में उनकी 10 फीसदी से भी कम उपस्थिति है। एक टीवी चैनल ने हाल ही में रंजन गोगोई से इंटरव्यू के दौरान इसका कारण पूछा था। इसपर गोगोई बेहद अजीबोगरीब ढंग से कहा कि, 'जब मुझे लगेगा कि राज्यसभा जाना चाहिए तो जाऊंगा। यदि मुझे लगेगा कि जरूरी मामले हैं जिन पर मुझे बोलना चाहिए, तब मैं जाऊंगा। मैं सदन का एक स्वतंत्र सदस्य हूं। मैं अपनी मर्जी से जाऊंगा और अपनी मर्जी से बाहर आऊंगा।'

बता दें कि रंजन गोगोई ने अयोध्या विवाद और राफेल डील समेत कई बड़े मुद्दों पर फैसला सुनाया है। रिटायर होने के बाद बीजेपी सरकार ने गोगोई को राज्यसभा सांसद मनोनीत कर दिया। गोगोई पर आरोप लगते हैं कि राम मंदिर पर फैसला और राफेल घोटाले में केंद्र को क्लीन चीट देने के बदले उन्हें राज्यसभा भेजा गया है।