छपरा। गंगा नदी में वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ 'गंगा विलास क्रूज' सोमवार दोपहर बिहार के छपरा में फंस गया था। क्रूज-ऑपरेटर्स को उसे वहां से निकालने की काफी मशक्‍कत करनी पड़ी। क्रूज के फंसने का पता चलते ही SDRF की टीमें बुलवाई गईं। जिसके बाद पीपा पुल को खोलने पर क्रूज आगे बढ़ा।

दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा पर निकला 'गंगा विलास' अपनी 51 दिनों की यात्रा के तीसरे दिन ही फंस गया। पीएम मोदी ने तीन दिन पहले ही इसे वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया था। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने छोटी नाव के जरिए पर्यटकों को किनारे तक पहुंचाया। इसके बाद वे चिरांद के पुरातात्विक महत्व को देखने गए। छपरा के सीओ सतेंद्र सिंह ने कहा कि चिरांद में पर्यटकों के लिए व्यवस्था की गई है।

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बहरहाल, अब जानकारी मिली है कि दानापुर के दियारा की लाइफलाइन कहे जाने वाले पीपा पुल को खोलकर क्रूज को आगे बढ़ाया गया। इस तरह क्रूज अपने सफर पर फिर रवाना हो चुका है। जानकारी के मुताबिक इस क्रूज में स्विटजरलैंड के कुल 31 सैलानी सवार हैं। खास बात यह है कि इसमें बुकिंग कराने वाले ज्‍यादातर लोग विदेशी ही हैं।

बता दें कि छपरा से 11 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में डोरीगंज बाजार के पास स्थित चिरांद सारण जिले का सबसे महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है। घाघरा नदी के किनारे बने स्तूपनुमा भराव को हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम प्रभाव और उतार-चढ़ाव से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, छपरा में जैसे ही गंगा विलास क्रूज पहुंचा नदी में पानी कम होने की वजह से किनारे पहुंचने परेशानी होने लगी। ये गंगा नदी में कम पानी के चलते फंस गया। लेकिन सैलानियों को चिरांग पहुंचने में परेशानी नहीं हो इसके लिए एसडीआरएफ की टीम तुरंत एक्टिव हो गई।