नई दिल्ली। कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के बीच नेतृत्व में परिवर्तन को लेकर राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है। इसी बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता व वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से पार्टी आलाकमान को नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चेतावनी दी है। आजाद ने कहा है कि अगर पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होते तो कांग्रेस को 50 सालों तक विपक्ष में ही बैठना होगा।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा, 'कांग्रेस का नेतृत्व चुने हुए नेता करेंगे तो बेहतर होगा वरना पार्टी अगले 50 साल तक विपक्ष में रह सकती है।' उन्होंने पार्टी में आंतरिक चुनाव का विरोध करने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें खुद हारने का डर सता रहा है। वरिष्ठ नेता ने इस दौरान यहां तक कहा कि फिलहाल कांग्रेस विभिन्न राज्यों में ऐसे लोगों को पार्टी अध्यक्ष बना रही है जो दिल्ली आते जाते रहते हैं और पार्टी के बड़े नेता जिनका समर्थन कर देते हैं।

वफादारी दिखाने वाले नेता कर रहे हैं सस्ती राजनीति

गुलाम नबी आजाद ने गांधी परिवार के साथ वफादारी दिखाने वाले नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'जो लोग वफादारी दिखा रहे हैं वो वास्तव में सस्ती राजनीति कर रहे हैं और पार्टी समेत राष्ट्र हितों के लिए भी हानिकारक हैं। अगर हमें वापसी करना है तो चुनाव के जरिए ही अपनी पार्टी को मजबूत करना होगा। अगर पार्टी अगले 50 वर्षों के लिए विपक्ष में रहना चाहती है, तो पार्टी के भीतर चुनाव की कोई आवश्यकता नहीं है।'

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बिना चुनाव के अध्यक्ष की नियुक्ति से कोई सहमत नहीं

राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता ने आगे कहा कि एक फीसदी लोग भी इस बात से सहमत नहीं हो सकते की अध्यक्ष पद पर बिना चुनाव किए किसी को भी नियुक्त कर दिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि आंतरिक चुनाव में 51 फीसदी वोट पाने वाले कि जीत होती है जिसका मतलब यह है कि चुने हुए अध्यक्ष के साथ कम से कम पार्टी के 51 फीसदी कार्यकर्ता होते हैं। हालांकि अभी अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति के पास जरूरी नहीं कि 1 फीसदी लोगों का भी समर्थन हो। 

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गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले पार्टी के उन 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पार्टी के अंदर संगठन में बड़े स्तर के बदलाव की मांग की थी।