नई दिल्ली। 'बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी।' हिंदी विषय के पाठ्यक्रम की सबसे लोकप्रिय कविताओं में एक इस कविता की लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान की आज 117वीं जयंती है। अपनी कालजयी रचना के लिए मशहूर भारतीय लेखिका को आज गूगल ने विशेष तौर पर श्रद्धांजलि दी है। 

गूगल ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम की पहली महिला सत्याग्रही चौहान को अपना आज का डूडल समर्पित किया है। सर्च इंजन के डूडल पर क्लिक करने से चौहान से जुड़ा वेबपेज खुल रहा है। इस डूडल में सुभद्रा कुमारी चौहान साड़ी पहने हुईं हैं और कलम-कागज के साथ नजर आ रही हैं। इसे न्यूजीलैंड की आर्टिस्ट प्रभा मल्या ने बनाया है। 

सुभद्रा कुमारी चौहान को वीर रस से परिपूर्ण उनकी कविता 'झांसी की रानी के लिए विश्वभर में पहचाना जाता है। इस कविता में उन्होंने लक्ष्मीबाई की पूरी जीवन गाथा को कुछ पंक्तियों में उकेर दिया है। चौहान का जन्म आज के दिन ही 1904 में उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के पास निहालपुर गांव में हुआ था।

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आजादी की लड़ाई के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था और कोठरी में उन्हें यातनाएं दी गई थी। इन्हीं अनुभूतियों को व्यक्त करते हुए उन्होंने झांसी की रानी के लड़ाई को शब्दों में पिरोया था। लेखन कार्यों के अलावा वह कांग्रेस से भी जुड़ीं थीं। उन्होंने 15 फरवरी, 1948 को 44 साल की उम्र में ही अंतिम सांसें ली थी।

बता दें कि सर्च इंजन गूगल अक्सर महान शख्सियतों के जन्मदिन, जयंती, पुण्यतिथियां व प्रमुख दिवसों पर अपना विशेष डूडल पेश करता है। यह डूडल महान विभूतियों को समर्पित होती है। डूडल पर क्लिक करने से सर्च एंजन उस शख्सियत से जुड़े वेब पेजेस खोल देता है जिससे उनके बारे में अधिक जानकारी मिल सके।