नई दिल्ली। पहलवानों के विरोध के बाद केंद्र की मोदी सरकार एक बार फिर बैकफुट पर आई है। केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष समेत पूरी बॉडी को सस्पेंड कर दिया है।

दरअसल, 3 दिन पहले 21 दिसंबर को यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को WFI प्रेसिडेंट चुना गया था। इसे लेकर पहलवानों का आक्रोश एक बार फिर फूट पड़ा। इसके विरोध में ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था।

वहीं, स्टार रेसलर बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार पीएम मोदी के घर के बाहर सड़क पर रख दिया था। साथ ही पहलवान वीरेंद्र सिंह ने भी पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया था। पहलवानों के विरोध के बाद मोदी सरकार की चौतरफा किरकिरी हो रही थी।

देश ने अपने स्टार रेसलर साक्षी मलिक को मीडिया के सामने फूट-फूटकर रोते देखा था। साक्षी मलिक को इन परिस्थितियों में सन्यास लेने के लिए मजबूर किया जाएगा, इसे लेकर केंद्र सरकार घिरी हुई थी। वहीं, बजरंग पुनिया जैसे दिग्गज पहलवान को भी देशवासियों ने अपना पद्मश्री पुरस्कार फुटपाथ पर रखते हुए देखा था।

इन विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहलवानों से मिलने पहुंचीं थीं। जबकि भाजपा का कोई भी नेता उनके साथ खड़ा नहीं था। इसे लेकर पूरे देश में भाजपा और मोदी सरकार की भर्त्सना हुई थी। अब केंद्र सरकार बैकफुट पर आई है।