देश में कोरोना महामारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद देशभर में कोविड-19 को लेकर हुई स्क्रीनिंग में केंद्र सरकार की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक आरटीआई के जवाब में सरकार से मिली जानकारी के अनुसार देशव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के पहले 15 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से भारत पहुंचने वाले महज 19 फीसदी यात्रियों की ही स्क्रीनिंग की गई।



‘दि प्रिंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने इस सिलसिले में जानकारी मांगी थी, जिस पर सरकार की ओर से 11 मई को जवाब दिया गया। इसके मुताबिक जनवरी में केवल चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई,जबकि यूरोप से आने वाले यात्रियों को शुरू में स्क्रीनिंग से छूट दी गई। इटली को इस स्क्रीनिंग के दायरे में 26 फरवरी को शामिल किया गया था, जबकि यहां 322 लोगों में संक्रमण के मामले सामने आ चुके थे। तब भी अन्य यूरोपीय देशों को स्क्रीनिंग में शामिल नहीं किया गया।





 



स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के आरटीआई के जवाब में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 5 जनवरी से 23 मार्च के बीच 15,24,266 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान, भारत में 78 लाख से भी अधिक यात्री पहुंचे। 17 जनवरी को, केवल चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की मुंबई, नई दिल्ली और कोलकाता एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की गई। चार दिन बाद  चेन्नई, हैदराबाद, कोच्चि और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की गई,लेकिन अन्य देशों के यात्रियों को इसमें शामिल नहीं किया गया। वहीं यूनिवर्सल स्क्रीनिंग 4 मार्च से शुरू हुई, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की कि चीन के बाहर 14,000 मामलों के साथ वैश्विक संक्रमण 93,000 को पार कर गया है।