इंदौर। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई थी। मंत्री द्वारा एफआईआर रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाने की जानकारी सामने आई है।  उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

उन्होंने याचिका पर ⁠जल्द सुनवाई की मांग की है। ये याचिका एओआर शांतनु कृष्णा के माध्यम से दाखिल की गई है। दरअसल कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर हाई कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। जिसके बाद मंत्री शाह पर FIR दर्ज हुई है।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल कुरैशी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले का मीडिया की खबरों के आधार पर बुधवार को ही स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह के खिलाफ मानपुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस ने बताया कि यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का कृत्य), धारा 196 (1) (बी) (अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला ऐसा कृत्य जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती हो या भंग होने की आशंका हो) और धारा 197 (1) (सी) (किसी समुदाय के सदस्य को लेकर ऐसी बात कहना जिससे अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर विपरीत असर पड़ता हो या उनके बीच शत्रुता या घृणा या दुर्भावना की भावना पनपती हो या पनपने की आशंका हो) के तहत दर्ज की गई है।

इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यालय ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री विजय शाह के बयान के संदर्भ में कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।'' मानपुर पुलिस थाने में बुधवार रात 11:30 बजे के आस पास दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 12 मई (सोमवार) को रायकुण्डा गांव में हलमा (सामूहिक श्रमदान और सामुदायिक सहभागिता की जनजातीय परम्परा) के कार्यक्रम के दौरान शाह के संबोधन के कुछ अंश प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए।