नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को आखिरी चेतावनी जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वो ट्विटर द्वारा दिए गए जवाबों से संतुष्ट नहीं है। इसलिए सरकार नए आईटी नियमों को लागू करने के लिए ट्विटर को आखिरी मौका दे रही है। इसके बाद अगर सरकार ट्विटर पर कोई कार्रवाई करती है तो इसके लिए खुद सोशल मीडिया कंपनी ही ज़िम्मेदार होगी। 

केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वो ट्विटर द्वारा 28 मई और 2 जून को दिए गए जवाबों से संतुष्ट नहीं है। सरकार ने नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए ट्विटर द्वारा कदम न उठाए जाने पर अपनी आपत्ति ज़ाहिर की है। सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी से कहा है कि उसने अब तक नए आईटी नियमों के तहत चीफ कंप्लायंस अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। इसके साथ ही ट्विटर ने जिस नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन की नियुक्ति की है, वो भारत का कर्मचारी नहीं है। इसके साथ ही ट्विटर ने जो पता बताया है वह भी एक लॉ फर्म का है। 

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भारत सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर जल्द ही ट्विटर ने नए आईटी नियमों के पालन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो भारत में सोशल मीडिया कंपनी को मिल रही तमाम सुविधाएं बंद हो जाएंगी।

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इससे पहले शनिवार को उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू के ट्विटर अकाउंट से कंपनी ने ब्लू टिक हटा दिया। इसके साथ ही संघ प्रमुख मोहन भागवत, भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी के भी ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए गए। ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटाए जाने के पीछे कारण दिया कि वैंकैया नायडू का ट्विटर अकाउंट काफी समय से सक्रिय नहीं था। उनके अकाउंट से आखिरी ट्वीट जुलाई 2020 में किया गया, जिस वजह से उनके अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया। 

ट्विटर का कहना था कि वे ऐसे अकाउंट को अपनी वेरिफिकेशन पॉलिसी के आधार पर अनवेरिफाई कर सकता है। हालांकि आईटी मंत्रालय ट्विटर के इस तर्क से संतुष्ट नहीं। है। मंत्रालय का कहना है कि देश के दूसरे नंबर की अथॉरटी के साथ कंपनी ऐसा रवैया नहीं अपना सकती।