जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के एक जेसीओ शहीद हो गए। भारतीय सेना ने यहां आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। जूनियर कमीशंड ऑफिसर ने आतंकियों का अंतिम दम तक सामना किया। घुसपैठ की सूचना पर भारतीय सेना बॉर्डर एरिया के कई जगह पर अभियान चला रही है।

इस घटना के पहले राज्य के किश्तवाड़ में भारतीय सेना ने शुक्रवार को जैश कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। ढेर हुए आतंकियों में जैश का टॉप कमांडर सैफुल्लाह भी है। सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच काफी समय तक मुठभेड़ चलती रही। इलाके में सर्च अभियान अभी भी जारी है।

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इससे पहले 4 और 5 अप्रैल की दरमियानी रात जम्मू में LoC पर आरएस पुरा सेक्टर पर BSF के जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया था। वहीं, 1 अप्रैल को LoC पर सेना के एनकाउंटर में 4-5 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मारा गया था। घटना पुंछ में LoC पर कृष्णा घाटी सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में हुई थी।

इससे पहले 1 अप्रैल को LoC से सटे इलाके में 3 माइन ब्लास्ट हुए और पाकिस्तान की ओर से फायरिंग भी हुई थी। दावा है कि इसी समय आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय सेना ने जवाबी फायरिंग की थी। जिसमें 4 से 5 घुसपैठियों मारे गए।

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच10 अप्रैल को ब्रिगेड कमांडर लेवल की मीटिंग हुई।।ये मीटिंग जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुई। इस फ्लैग मीटिंग में बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के मुद्दों पर चर्चा हई। 

दरअसल, 13 फरवरी को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। भारतीय चौकियों पर बिना वजह गोलीबारी की। भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था।