डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन कानून के खिलाफ विपक्ष लामबंद, इंडिया गठबंधन ने बताया प्रेस फ्रीडम पर खतरा
कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन कानून की धारा 44.3 को हटाने की मांग की है, जो RTI कानून को कमजोर करती है।

नई दिल्ली। डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन कानून के खिलाफ कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल लामबंद हैं। विपक्ष ने सूचना का अधिकार (RTI) कानून को कमजोर करने वाले डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन कानून की एक धारा को कानून से हटाने की मांग की है। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता की। इस दौरान कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
गोगोई ने कहा कि जो डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पास हुआ, उसमें एक बहुत ही खतरनाक सेक्शन है-Section 44(3), जो RTI एक्ट के Section 8(1)(j) को ही संशोधित कर रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि डेटा प्रोटेक्शन बिल ने RTI Act की धज्जियां उड़ा दी हैं। इसमें कहा गया है कि अगर RTI में ऐसी कोई जानकारी मांगी गई है, जिसका जनहित से कोई सरोकार नहीं है, तो उसका जवाब देना अनिवार्य नहीं है।
गोगोई ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर आप जानना चाहते हैं कि बिहार में जो पुल टूट गये थे, उनके टेंडर अधिकारियों ने किस कॉन्ट्रैक्टर को दिये थे? तो इस एक्ट के जरिए सूचना और जानकारी का अधिकार साजिश के तहत आपसे छीन लिया गया है।
कांग्रेस सांसद ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को सुझाव दिया कि Section 44(3) को डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट से हटा दिया जाये। उन्होंने बताया कि हमने एक पिटीशन तैयार किया है
उसमें विपक्षी दलों के लगभग 120 नेताओं के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही इसे मंत्रालय में भेजेंगे।
शिवसेना सासंद (UBT) प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आज डिजिटल प्लेटफॉर्म बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार घेराव की तैयारी कर रही, उससे खोजी पत्रकारिता को बहुत नुकसान होगा। यह बात मुझे कहने में कोई हिचक नहीं है कि देश का ब्रॉडकास्ट मीडिया कोलैप्स कर गया है। मीडिया अब Spineless हो गया है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अब RTI Act को पूरी तरह से तबाह करने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार कई ऐसे प्रावधान लायी है, जिसके तहत अब जनता को जानकारी मिल ही नहीं पायेगी। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस बिल के जरिए प्रेस फ्रीडम और खोजी पत्रकारिता पर नकेल कसेगी। बता दें कि इस प्रेस कांफ्रेंस में राजद, डीएमके , सपा, लेफ्ट दलों सहित अन्य नेताओं ने भी डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर अपने विचार रखेे।