राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर के आमेर में हाथी की सवारी पर लगा बैन से हटा लिया गया। यहां कोरोना महामारी के कारण 17 मार्च को सैलानियों के लिए हाथी की सवारी को बंद कर दिया गया था। आमेर में देश के इकलौते हाथी गांव से हाथी सजाकर लाए जाते हैं। जिन पर पर्यटक सवारी करते हैं। पुरातत्व विभाग के आदेश से 1000 से ज्यादा परिवारों पर छाया रोजगार का संकट भी दूर हो गया है।  



आदेश में कहा गया है कि आदेश में कहा गया है कि हाथी की सवारी के दौरान महावत और पर्यटकों को मास्क लगाकर रखना होगा। हर राउंड के बाद हौदे (हाथी पर बैठने की जगह) को सैनेटाइज किया जाएगा। पर्यटकों को हाथी पर बैठाने से पहले उनके हाथ सैनेटाइज करवाए जाएंगे। साथ ही उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। 



बता दें कि हाथी की सवारी पर कोरोना के कारण बैन लगने के चलते करीबन एक हज़ार परिवार आर्थिक तंगी झेल रहे थे। तनाव की वजह से एक महावत ने खुदकुशी कर ली थी। कुछ हाथी भी चल बसे थे। लेकिन अब हाथी की सवारी पर लगे बैन के हटने के बाद एक बार महावतों के पास रोज़गार के अवसर आ गए हैं।  





सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत का जताया आभार 

राजस्थान सरकार के इस निर्णय को लेकर बीजेपी राजस्थान के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है। पुनिया ने कहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले के कारण महावतों का रोज़गार संकट दूर हो गया है। इसके साथ ही अब पर्यटकों को भी सुविधा मिलेगा। सतीश पुनिया ने ट्वीट किया, 'मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी का धन्यवाद करता हूं, उन्होंने मेरे पत्र आग्रह पर आमेर महल में हाथी सवारी को पुनः शुरू करने का आदेश देकर मेरे विधानसभा क्षेत्र आमेर के हाथी गांव के महावतों के रोजगार संकट को दूर किया है, इससे पर्यटकों को भी सुविधा मिलेगी।'