जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद के नतीजे आ गए हैं। नतीजों में सात पार्टियों का गुपकर गठबंधन सबसे बड़ा दल बना है। जबकि बीजेपी सबसे बनी पार्टी बनी है। अब तक मिले आंकड़ों के मुताबिक गुपकार गठबंधन को 101 सीटें मिली हैं, वहीं बीजेपी को 75 सीटों पर कामयाबी हासिल हुई है। कांग्रेस इस चुनाव में 25 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों ने रिकॉर्ड 66 सीटों पर अपना कब्जा बनाया है।

जम्मू क्षेत्र में बीजेपी मजबूती बनाए हुए है, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन गुपकर का प्रदर्शन कश्मीर घाटी और जम्मू के पीर पंजाल और चेनाब घाटी क्षेत्रों में बेहतर है। खास बात यह है कि बीजेपी पहली बार कश्मीर में अपना खाता खोलने में सफल हुई है और तीन सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। जम्मू क्षेत्र में उम्मीद के मुताबिक बीजेपी आगे निकली है और पार्टी को 10 में से 6 जिलों में बहुमत मिला है। पार्टी जिन जिलों में अपना डीडीसी चेयरमैन बनाएगी उनमें जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा और रेसाई शामिल हैं।

फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (गुपकर गठबंधन) के नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के स्थानीय निकाय चुनावों में लोगों के फैसले की सराहना की है और कहा है कि जनता ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने और विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने की केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ अपना मैंडेट दिया है। गुपकार सात पार्टियों का गठबंधन है। इस गठबंधन में नेशनल कॉन्फ़्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी, पीपल्स कॉन्फ़्रेंस, CPI-CPIM, अवामी नेशनल कॉन्फ़्रेंस और जम्मू और कश्मीर पीपल्स मूवमेंट शामिल हैं।

बीजेपी नेता एवं केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने चुनाव नतीजों को जनता का पीएम मोदी पर भरोसे का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा, ‘श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है। यह सत्यापित करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को केन्द्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है।' वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि डीडीसी चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर ने गुपकर के पक्ष में वोट दिया है और अनुच्छेद 370 हटाने के केन्द्र के फैसले को खारिज किया है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डीडीसी का चुनाव 28 नवम्बर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ। अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव था। चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है। डीडीसी चुनावों का परिणाम अनुमान के अनुरुप ही दिख रहा है।