पटना। बिहार विधानसभा के 18वें सत्र के पहले दिन सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान कई दिलचस्प स्थितियां पैदा हुईं। लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली थीं नवादा से जीतकर आईं जेडीयू की विधायक विभा देवी। हिंदी में लिखी शपथ पढ़ते हुए उनका बार-बार अटकना और शपथ लेती हूं की जगह सतत लेती हूं कहना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

सत्र की शुरुआत प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव द्वारा शपथ दिलाने से हुई। कई विधायकों ने अलग-अलग भाषाओं और अपने अंदाज में शपथ ली। मगर विभा देवी का वीडियो मिनटों में चर्चा का विषय बन गया। लोग इसे बिहार की राजनीतिक सच्चाई और शिक्षा व्यवस्था से जोड़कर टिप्पणी कर रहे हैं। हलफनामे के मुताबिक, विभा देवी ने अपनी शिक्षा को केवल साक्षर बताया है।

नवादा की यह विधायक बाहुबली नेता और पूर्व आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं। राजबल्लभ पर कई गंभीर केस दर्ज हैं और विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही वे जेल से बाहर आए थे। बाहर आते ही उन्होंने पार्टी बदलकर जेडीयू का दामन थाम लिया था। राजनीतिक गलियारों में यह भी कहा जा रहा है कि यह सीट और यह जीत असल में राजबल्लभ की पकड़ और प्रभाव का नतीजा है जिसे उनकी पत्नी ने उम्मीदवार बनकर हासिल किया।

यह पहला मौका नहीं है जब विभा देवी विधानसभा पहुंची हों। वे पहले भी विधायक रह चुकी हैं। इस बार उन्होंने आरजेडी के उम्मीदवार कौशल यादव को 27,594 वोटों से हराया था। दिलचस्प बात यह है कि शिक्षा में भले ही उनका परिचय सिर्फ साक्षर हो लेकिन संपत्ति के मामले में वे बेहद संपन्न हैं। चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति करीब 32 करोड़ रुपये है।

शपथ के दौरान लगातार शब्दों पर अटकना और गलत उच्चारण ने सदन में मौजूद सभी की नजरें उनकी तरफ खींच लीं। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर आलोचना और तंज दोनों जारी हैं। कई यूजर्स इसे बिहार की राजनीति का दुर्भाग्य बता रहे हैं तो कई इसे सिस्टम की कटु सच्चाई कह रहे हैं कि शिक्षा और योग्यता से ज्यादा प्रभावशाली परिवारों की पकड़ चुनावी मैदान तय कर देती है।