गोवा। अगर आप गोवा में समंदर किनारे घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि गोवा के समुद्री किनारों पर इन दिनों जेलीफिश का आतंक है। यह खतरनाक जीव दो दिनों में 90 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है। जी हां, आपने सही सुना। जहरीली जैलीफिश का आतंक गोवा में इस कदर बढ़ चुका है कि राज्य की लाइफगार्ड एजेंसी ने इसे लेकर गुरुवार को एक एडवाइजरी भी जारी की है।

लाइफगार्ड एजेंसी सृष्टि मरीन ने बयान जारी कर बताया कि पिछल दो दिनों में गोवा के बागा-कलंगुट बीच पर इसके 65 से ज़्यादा जबकि कैंडोलिम से सिंक्वेरियम स्ट्रेच पर 10 लोगों को इस जहरीले जीव ने डंक मारा है। वहीं, दक्षिण गोवा में 25 से ज़्यादा मामले सामने आए। जेलीफिश का डंक लगने के बाद मरीज को उपचार की आवश्यकता होती है। आपको बता दें कि जेलीफिश दरअसल मछली नहीं होती, इसलिए कुछ लोग इन्हें सी जेली या वाटर जेली कहना ज़्यादा पसंद करते हैं। इन्हें सी कोरल्स का नज़दीकी रिश्तेदार कहा जा सकता है। 

वाघा बीच पर एक व्यक्ति की सेहत जेलीफिश का डंक लगने की वजह से ज़्यादा खराब हो गई तो उसे ऑक्सीजन देना पड़ा और फिर एंबुलेंस बुलाकर उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। एक और घटना में जेलीफिश के ज़हर की वजह से एक शख्स के सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगी।

आपको बता दें, जेलीफिश की दुनियाभर में 1500 से भी ज्यादा प्रजातियां हैं। जेली फिश के शरीर से निकले टेंटिकल या धागे जैसी संरचना ज़हरीली हो सकती है। इसके शरीर में चिपक जाने पर ये जहर शरीर में चला जाता है, जो तकलीफ दे सकता है। हर जेलीफिश का ज़हर इंसानों के लिए ज्यादा नुकसानदेह  नहीं होता। लेकिन इनकी कुछ प्रजातियां ज्यादा ज़हरीली होती हैं, जिनका टॉक्सिन इंसानों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे मामलों में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ सकती है।