नई दिल्ली। कश्मीर में लगातार हो रही आम नागरिकों की हत्या के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही इस सिलसिले में औपचारिक आदेश जागी कर सकती है। एनआईए आम नागरिकों की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर की आगे की करवाई कर सकती है। 

मीडिया रिपोर्ट्स में किए जा रहे दावे के मुताबिक एनआईए ने घाटी में हुई हत्याओं के मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। करीब एक दर्जन जगहों पर छापेमारी कर इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी लोग द रेजिस्टेंस फोर्स नामक संगठन से हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक द रजिस्टेंस फोर्स सहित अन्य आतंकी संगठन घाटी में आम नागरिकों की हत्या को अंजाम दे रहे हैं। इसमें पाकिस्तान के हाथ होने की बात सामने आ रही है। 

घाटी में हो रही आम नागरिकों की हत्याओं ने चिंता बढ़ा दी है। कश्मीर में एक के बाद एक आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। अब तक कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या की घटनाएं सामने नहीं आती थीं, लेकिन जिस तरह से हाल ही के दिनों में आम नागरिकों पर हमले बढ़े हैं उसने कश्मीर में एक नई समस्या को खड़ा कर दिया है।

अकेले अक्टूबर महीने में कश्मीर में कुल 11 नागरिकों की हत्या की जा चुकी है। माखनलाल बिंदरू, स्कूल प्रिंसिपल सुपिंदर कौर, टीचर दीपक चंद, बिहार के रहने वाले वीरेंद्र पासवान जैसे आम नागरिकों को मौत के घाट उतारा गया है। भय का माहौल पनपने के कारण बाहरी राज्य के लोगों ने अब कश्मीर छोड़ अपने-अपने राज्य लौटना शुरू कर दिया है। 

दूसरी तरफ कश्मीर में हो रही हत्याओं के बीच 24 अक्टूबर को भारत पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले मुकाबले का भी विरोध शुरू हो गया है। बीजेपी के नेताओं ने भारत पाकिस्तान का मुकाबला रद्द करने की मांग की है। हालांकि बीसीसीआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मुकाबले को रद्द नहीं किया जा सकता। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि कश्मीर में हो रही हत्याएं निंदनीय है, लेकिन आईसीसी द्वारा टूर्नामेंट आयोजित होने के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले को रद्द नहीं किया जा सकता।