नई दिल्ली। चीन के साथ भारत के रिश्तों में पिछले कुछ महीनों में चाहे जितनी भी कड़वाहट आई हो, मोदी सरकार के लिए उसका दर्जा अब भी मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सर्वाधिक वरीयता प्राप्त देश का ही है। यही नहीं, चीनी सैनिकों के बर्बरतापूर्ण हमले में भारतीय जवानों की शहादत के कई महीने बाद भी मोदी सरकार चीन से यह दर्जा वापस लेने पर विचार तक नहीं कर रही। जी हां, आपके लिए इस पर यकीन करना भले ही मुश्किल हो, लेकिन यह बात सोलह आने सही है। यह खुलासा किसी विपक्षी नेता ने नहीं, खुद मोदी सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल से जवाब में किया है। एक और दिलचस्प बात यह कि मोदी सरकार ने जिस सवाल के जवाब में यह जानकारी दी वह बीजेपी के एक सांसद ने ही पूछा था।

बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने पूछा था सवाल

मुंबई के बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से पूछा था कि क्या चीन से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने की किसी योजना पर भारत सरकार विचार कर रही है? मोदी सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार 21 सितंबर को इस सवाल के लिखित जवाब में साफ कहा है, “नहीं, ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं हो रहा है।” बीजेपी सांसद के सवाल और उस पर मोदी सरकार के मंत्री के इस जवाब का पूरा विवरण आप लोकसभा की वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं।

चीन की हिमाकतों का क्या यही है जवाब

हैरान करने वाली बात है कि जिस चीन ने न सिर्फ भारत के बड़े इलाके पर अवैध कब्जा कर रखा है और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जिसकी हिमाकतों की वजह से पूरा देश गुस्से में है, उसे मोदी सरकार ने अब तक मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सर्वाधिक वरीयता प्राप्त देश का दर्जा दे रखा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार के जो समर्थक टिकटॉक जैसे कुछ मोबाइल ऐप्स पर पाबंदी को चीन को सबक सिखाने वाले कड़े कदम के रूप में प्रचारित करते नहीं थकते, वो इस खबर के सामने आने के बाद क्या कहते हैं?