नई दिल्ली। नया कोरोना वायरस इंसानों की त्वचा पर 9 घंटे से अधिक समय तक रह सकता है, अगर उसे बाहरी तरीकों से निष्क्रिय ना किया जाए। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन करने वालों ने 80 प्रतिशत अल्कोहल वाले सैनेटाइजर से हैंड सैनेटाइज करने या कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने की सलाह दी है। 

अध्ययन में पाया गया कि एक तरफ जहां इनफ्लुएंजा ए का वायरस दो घंटे तक इंसानों की त्वचा पर जीवित रह सकता है, वहीं कोविड 19 पैदा करने वाला नया कोरोना वायरस 9 घंटे से अधिक समय तक। हालांकि, हैंड सैनेटाइजर का प्रयोग करने से दोनों ही वायरस 15 सेकेंड में निष्क्रिय हो जाते हैं। 

इसी अध्ययन में मास्क पहनने और ऑक्सीजन को लेकर भी कुछ निष्कर्ष सामने आए हैं। पाया गया है कि मास्क पहनने से ऑक्सीजन का लेवल कम नहीं होता। हालांकि, मास्क पहने रहना परेशानी भरा जरूर हो सकता है। शोधकर्ताओं ने मास्क पहनने से पहले और बाद में खून में ऑक्सीजन की मात्रा का अध्ययन किया, जो दोनों ही स्थितियों में समान पाई गई। 

शोधकर्ताओं ने पाया कि मास्क पहनने में जो परेशानी होती है वो कॉर्बन डाई ऑक्साइड के वापस श्वास नली में जाने के कारण होती है। हालांकि, इससे ऑक्सीजन के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता। इसी तरह अध्ययन में पाया गया है कि इंफ्रारेड थर्मोमीटर हर बार सही तापमान नहीं देते।