नई दिल्ली। दिवाली के बाद से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की हवा में घुला जहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रीय राजधानी का एयर क़्वालिटी इंडेक्स शनिवार सुबह 8 बजे 499 दर्ज किया गया है जो बेहद गंभीर श्रेणी में है। दिल्ली से सटे नोएडा में यह 772 और गुरुग्राम में 529 दर्ज किया गया है। इसी बीच प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने लोगों से बाहर न निकलने की अपील की है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कहा है कि दिल्ली एनसीआर में रहने वाले गंभीर रोगी, बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं कम से कम अगले दो दिनों तक बाहर न निकलें। CPCB ने शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद ये अपील किया है। बोर्ड ने बताया है कि 18 नवंबर तक मौसम की स्थिति पॉल्यूटेंट्स के फैलाव के लिए बेहद प्रतिकूल रहेगी।

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प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सुझाव दिया है कि सरकारी और निजी कार्यालयों के कर्मचारियों को व्यक्तिगत परिवहन के उपयोग में 30% की कमी करनी चाहिए। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर में रह रहे ऐसे लोग जिन्हें खांसने, नाक बहने, आखों में जलन या फिर सीने में दर्द या भारीपन की शिकायत हो रही है, वे भी घर में ही रहकर आराम करें और दो दिनों तक बाहर बिल्कुल न निकलें। क्योंकि, अगले 48 घंटों तक हवा की क्वालिटी गंभीर ही बनी रहेगी।

CPCB के मुताबिक, दिल्ली की हवा में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले दूषित PM2.5 का स्तर आधी रात के करीब 300 के पार चला गया था। इतना ही नहीं शुक्रवार शाम 4 बजे 381 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। जब कि हवा के सुरक्षित होने के लिए PM2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर ही होना चाहिए। फिलहाल यह 6 गुना ज्यादा है। PM2.5 धूल का इतना छोटा कण होता है कि यह फेफड़ों के कैंसर और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।