सिगरेट पीने से भी ज्यादा हानिकारक है दिल्ली की हवा में सांस लेना: ऐम्स डायरेक्टर

AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी की हवा इतनी प्रदूषित हो गई है कि यहां सांस लेना सिगरेट पीने से भी ज्यादा हानिकारक है, साथ ही प्रदूषण के कारण कोरोना का खतरा भी बढ़ गया है

Updated: Nov 07, 2021, 03:47 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। दिल्ली की मौजूदा स्थिति को लेकर AIIMS के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने डरावनी बात कही है। डॉ गुलेरिया के मुताबिक दिल्ली की हवा में सांस लेना सिगरेट पीने से भी ज्यादा हानिकारक हो गया है। इतना ही नहीं उन्होंने इस बात को लेकर आगाह किया है कि प्रदूषण के कारण कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ गया है।

एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान डॉ गुलेरिया ने कहा, 'एक अध्ययन के मुताबिक प्रदूषण ज्यादा होने के कारण दिल्ली में रहने वालों की जीवन अवधि काफी कम हो गई है। डेटा को मान्य करना बाकी रह गया है। लेकिन प्रदूषण निश्चित रूप से जीवन अवधि को कम करता है।' इतना ही नहीं डॉ गुलेरिया ने बताया कि प्रदूषण के कारण दिल्लीवासियों के फेफड़े तक काले पड़ गए हैं। 

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डॉ गुलेरिया ने प्रदूषण की वजहों को लेकर पूछे जाने पर स्पष्ट कहा कि दिवाली पर पटाखे जलाने से प्रदुषण में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि त्यौहारों के दौरान वाहनों की आवाजाही भी बढ़ जाती है जिससे प्रदूषण में वृद्धि होती है। उन्होंने आगाह किया कि प्रदूषित इलाकों में कोरोना वायरस की गंभीरता और बढ़ जाती है। 

डॉ गुलेरिया के मुताबिक प्रदूषित हवा में सांस लेने से लोगों के फेफड़ों का सूजन बढ़ जाता है। इससे कोरोना के फैलने का खतरा इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि कोरोना वायरस प्रदूषकों से चिपक जाता है। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद फैले वायु प्रदूषण से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है और इससे पड़ोस के शहर भी प्रभावित हुए हैं।

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बता दें कि प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। हालांकि, पटाखों पर बैन बेमानी साबित हुआ। दिल्ली में लोग दिवाली की रात नॉन स्टॉप आतिशबाजी करते रहे। बड़े पैमाने पर आतिशबाजी का नतीजा ये रहा कि दीवाली के अगले दिन यानी शुक्रवार सुबह राजधानी की वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' स्थिति में पहुंच गई। आसमान पर धुंध की मोटी चादर छाई नजर आई जो दो दिन बाद भी बरकरार है।  

हवा में जहरीले धुएं की वजह से कई लोगों को आंखों में पानी आने और गले में खराश की तकलीफ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदूषण के कारण दिल्ली के सभी अस्पतालों में मरीज पहुंच रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में सांस लेने परेशानी बढ़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक इन दिनों दिल्ली की हवा साल 2017 की दिवाली के बाद से सबसे ज्यादा खराब है।