पटना। बिहार की राजधानी पटना में एनडीए के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार को एक बार फिर से एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही नीतीश कुमार का एक बार फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनना औपचारिक रूप से तय हो गया है। उप-मुख्यमंत्री के तौर पर भी सुशील कुमार मोदी का नाम ही तय हुआ है। जेडीयू चीफ नीतीश कुमार सोमवार को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं। यह सातवीं बार होगा जब नीतीश बतौर सीएम शपथ लेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने एनडीए विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार के नाम की घोषणा कर दी। एनडीए की इस बैठक में सभी चार घटक दल मौजूद रहे। गौरतलब है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में शामिल बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी को मिलाकर कुल 125 विधायक जीतकर आए हैं। 

सुशील मोदी ही रहेंगे उपमुख्यमंत्री

बताया जा रहा है कि एक बार फिर से सुशील कुमार मोदी को ही बिहार के डिप्टी सीएम बनाने का फैसला लिया गया है। सुशील मोदी को बीजेपी विधानमंडल का नेता चुना गया है और विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से उनकी नाम पर मुहर लग गई है। इसके अलावा बीजेपी विधायक दल का नेता कटिहार के बीजेपी विधायक तारकिशोर प्रसाद को बनाया गया है। बता दें कि बीते दो दिनों से मीडिया में इस बात की चर्चाएं थी कि मोदी अब उपमुख्यमंत्री नहीं रहेंगे बल्कि उनके जगह बीजेपी के कामेश्वर चौपाल को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। हालांकि, आज की बैठक के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है।

राज्यपाल को दावा पेश करेंगे नीतीश

नीतीश कुमार को निर्विरोध विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद एनडीए के नेता राजभवन के लिए निकले हैं। नीतीश कुमार थोड़ी देर में राज्यपाल फागु चौहान से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इसके बाद राज्यपाल फागु चौहान नीतीश को नई सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कल यानी सोमवार को सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि, नीतीश कैबिनेट में किस पार्टी के कितने मंत्री होंगे यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। जल्द ही इसे लेकर स्थिति साफ हो सकती है।

इसके पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी नेता सुशील मोदी और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय एक कार में सवार होकर सीएम आवास पहुंचे। वहां नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने उन्हें रिसीव किया। बता दें कि एनडीए गठबंधन के घटक दलों में BJP के पास सर्वाधिक 74 विधायक हैं, जबकि जदयू के 43 उम्मीदवार ही चुनाव जीतने में सफल हुए। इसके अलावा दोनों सहयोगी दल हम और वीआईपी के पास 4-4 विधायक हैं।