कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्ता पाने के बीजेपी के मंसूबों पर पानी फिरने के बाद से ही बीजेपी की बंगाल इकाई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को बीजेपी अपने खेमे में रोकने में लगातार नाकामयाब होती दिख रही है। मुकुल रॉय की टीएमसी में घर वापसी के बाद अब लंबे अरसे तक ममता के सहयोगी रहे राजीव बनर्जी की भी टीएमसी में वापसी के कयास लगने शुरू हो गए हैं। 

राजीव बनर्जी की टीएमसी में वापसी की अटकलें टीएमसी नेता कुणाल घोष के साथ हुई मुलाकात के बाद लगनी शुरू हो गई हैं। शनिवार को राजीव बनर्जी कुणाल घोष से मिलने उनके घर पहुंचे थे। भले ही राजीव बनर्जी ने कुणाल घोष से अपनी मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट बताया लेकिन कुणाल घोष के घर में काफी देर तक राजीव बनर्जी की मौजूदगी ने उनकी घर वापसी के संकेत दे दिए। 

यह भी पढ़ें : जल्द हो सकता है मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, सिंधिया को रेल मंत्री बनाए जाने का दावा

राजीव बनर्जी शनिवार को काफी देर तक कुणाल घोष के घर में मौजूद रहे। इसके साथ ही पिछले दिनों बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई पार्टी बैठक में भी राजीव बनर्जी शामिल नहीं हुए, जिसके बाद से ही राजीव बनर्जी की घर वापसी की अटकलें शुरू हो गईं। जिस पर कुणाल घोष के साथ हुई उनकी मुलाकात ने मुहर लगा दिया। 

यह भी पढ़ें : मुकुल रॉय ने थामा टीएमसी का हाथ, कहा, मैं बीजेपी में नहीं रह पा रहा था, बंगाल ममता का है और रहेगा

राजीव बनर्जी बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। जनवरी महीने में उन्होंने अपनी बात पार्टी में न सुनी जाने और अपमानित होने का आरोप लगाते हुए टीएमसी से राहें जुदा कर ली। राजीव बनर्जी ने जब टीएमसी छोड़ी तब वे ममता सरकार में मंत्री थे। राजीव बनर्जी 2011 और 2016 दोनों ही मर्तबा ममता कैबिनेट का हिस्सा बनाए गए थे।