नयी दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने अब अपने आंदोलन को और तेज़ करने का निर्णय ले लिया है। अगर सरकार किसानों की मांग को नहीं मानती है तो 23 जनवरी को हर राज्य में किसान मार्च निकालेंगे। इसके साथ ही 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों द्वारा गणतंत्र परेड निकालने की भी योजना है। इसकी जानकारी सरकार के साथ हर दौर की वार्ता में रहे बड़े किसान नेता दर्शन पाल ने दी है। 



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न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा है कि 23 जनवरी को अलग अलग राज्यों के राज्यपाल भवन की और मार्च निकाला जाएगा। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड निकाले जाने की भी योजना है। 





दिल्ली के अंदर घुसकर परेड करेंगे किसान: योगेंद्र यादव  



स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने भी कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने किसानों की समस्याओं का हल 26 जनवरी से पहले नहीं निकाला, तो किसान मजबूरन दिल्ली के अंदर घुसेंगे और गणतंत्र परेड निकालेंगे। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक योगेंद्र यादव ने कहा है कि अगर 26 जनवरी तक हमारी बातें नहीं सुलझतीं तो दिल्ली के तमाम मोर्चों से किसान दिल्ली के अंदर घुसकर अपनी गणतंत्र दिवस परेड करने के लिए मजबूर होंगे। 



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दरअसल अब तक किसान नेताओं और सरकार के बीच कुल 6 मर्तबा बातचीत हो चुकी है। 31 दिसंबर को हुई पिछले दौर की बैठक में सरकार ने किसानों की दो मांगों को मान लिया है। ये मांगें किसानों को पराली जलाने पर कड़ी सज़ा देने के कानून से राहत देने और नए बिजली कानून में किसानों की सब्सिडी जारी रखने की हैं। लेकिन आंदोलन कर रहे किसानों की दो सबसे प्रमुख मांगों पर सरकार के रुख में अब तक कोई बदलाव नज़र नहीं आ रहा है। किसानों की ये दो मांगें तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की हैं। सरकार और किसानों के बीच अब 4 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होनी है। अब तक के अनुभव से किसान नेताओं को लग रहा है कि सरकार 4 जनवरी की बैठक में भी उनकी ये दोनों मांगें नहीं मानेगी। लिहाज़ा उन्होंने बैठक से पहले ही चेतावनी दे डाली है।