नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता देखने को मिली है। संसद सत्र से पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से बुलाए गए बैठक में इसबार आम आदमी पार्टी और टीएमसी ने भी हिस्सा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के राज्यसभा में नेता खरगे की तरफ से बुलाए गए बैठक में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को बुलाया गया था।

कांग्रेस की अगुआई वाली इस बैठक में AAP और TMC के अलावा वाम दल, DMK, RJD, NCP, नेशनल कांफ्रेंस RSP के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया कि, 'संसद लोकतांत्रिक विचार-विमर्श का घर है। सभी समान विचारधारा वाले दल हमारे लोगों के लिए प्रासंगिक सभी मुद्दों को मजबूती से उठाएंगे। 
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को भागीदारी का अधिक मौका मिलने की बात कही है। ऐसे में हम आशा करते हैं कि सरकार अपने कहे पर अमल करेगी।'

यह भी पढ़ें: 15 साल बाद MCD की सत्ता से BJP बाहर, AAP की शानदार जीत, केजरीवाल ने जनता से कहा- लव यू टू

खरगे ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि, 'कानून अगर जल्दीबाजी में बनाए जाते हैं तो वो न्यायिक छानबीन के दायरे में आते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को उचित समितियों के पास भेजा जाएगा ताकि उसे लेकर बेहतर चर्चा हो सके।' खरगे के कांग्रेस अध्‍यक्ष बनने के बाद यह संसद का पहला सत्र है। ऐसे में जाह‍िर है, उनकी अगुआई में मंत्रणा बैठक में आप और तृणमूल जैसे व‍िपक्षी दलों की मौजूदगी उनका उत्‍साह बढ़ाने वाला रहा।

बैठक में आप और तृणमूल का आना आश्चर्यजनक इसलिए है क्योंकि दोनों पार्टियां लंबे समय से कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही थी। मॉनसून सत्र में भी दोनों दलों के बीच दूरी देखने को मिली थी। हाल ही में कुछ रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल ने संसद में सरकार के खिलाफ कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के समन्वय से बचने का फैसला किया था। लेेकिन विपक्ष के सभी दलों ने अब कांग्रेस को स्वीकार्यता दे दी है।