नई दिल्ली/चंडीगढ़। गणतंत्र दिवस की घटनाओं के बाद किसान आंदोलन के कमज़ोर पड़ने की अटकलें गलत साबित होती दिख रही हैं। इन अटकलों से उलट आंदोलन का समर्थन करने के नए-नए एलान सामने आ रहे हैं। पंजाब के बठिंडा ज़िले की एक पंचायत ने फैसला किया है कि गांव के हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में ज़रूर शामिल हो। इतना ही नहीं, पंचायत ने ऐसा न करने वाले परिवारों पर जुर्माना लगाने का फैसला भी किया है। 

यह मामला पंजाब के बठिंडा ज़िले के विर्क खुर्द पंचायत का है। किसानों के पक्ष में भारी समर्थन दिखाने के इरादे से सरपंच मंजीत कौर ने बाकायदा यह फरमान सुनाया है कि प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का समर्थन करने ज़रूर जाएगा। पंचायत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जो परिवार ऐसा नहीं करेगा, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, पंचायत ने तो यहां तक कहा है कि किसान आंदोलन के समर्थन में जिस परिवार का कोई व्यक्ति दिल्ली की सीमाओं पर नहीं पहुंचेगा, पंचायत उस परिवार का बहिष्कार कर देगी। 

पंचायत ने तय किया है कि अगले एक सप्ताह तक धरनास्थल पर किसानों के समर्थन में पहुंचना होगा। पंचायत के फरमान का पालन न करने वाले परिवार पर 1500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। पंचायत के इस आह्वान के बाद दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत लोगों की तादाद अभी और बढ़ने की संभावना है।

इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने भी आंदोलन में वापसी का ऐलान किया है। इसके साथ ही पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने भी शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं से किसानों के समर्थन में पहुंचने का आह्वान किया है। मजीठिया ने यह भी कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर शिरोमणि अकाली दल के बड़े नेता भी धरनास्थल पर पहुंचेंगे।