भोपाल। राजस्थान पुलिस ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दो सीनियर पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। जयपुर पुलिस ने शुक्रवार को भोपाल से संचालित वेब पोर्टल और यूट्यूब चैनल द सूत्र के दोनों संपादकों आनंद पांडेय और हरीश दिवेकर को हिरासत में लिया। दोनों पत्रकारों पर राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी के खिलाफ वेब पोर्टल पर झूठी खबरें चलाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है।

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इन दोनों पत्रकारों ने दिया कुमारी के खिलाफ झूठी और भ्रामक खबरें चलाकर उनसे पैसे उगाही की कोशिश की। एफआईआर में कहा गया है कि ''द सूत्र'' चैनल पर बिना किसी साक्ष्य के यह खबरें प्रसारित की गईं कि दिया कुमारी ने सरकारी जमीन हड़प रखी है और भजनलाल सरकार इस पर चुप है।

जयपुर पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि द सूत्र द्वारा प्रकाशित खबरों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और इन्हें ब्लैकमेलिंग के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया था। पुलिस ने दोनों पत्रकारों को मध्य प्रदेश से हिरासत में लेकर जयपुर लाया है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों आरोपियों को 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच साइबर अपराध और उगाही के एंगल से भी की जा रही है। 

पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि शिकायत के साथ ब्लैकमेलिंग और प्रताड़ना की रिकॉर्डिंग भी पेश की गई थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। जोसफ ने कहा कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। साइबर अपराध और उगाही के सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। 

पत्रकार संगठनों और विपक्षी नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। यादव ने कहा कि जब सच बोलने वाले पत्रकार जेलों में हों और झूठ फैलाने वाले आज़ाद घूम रहे हों, तब समझिए लोकतंत्र खतरे में है। “द सूत्र” के संपादक आनंद पांडेय जी और हरीश दिवेकर जी की राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तारी लोकतंत्र पर सीधा हमला है। द सूत्र की “हम सिर्फ भगवान से डरते हैं” की टैगलाइन भाजपा सरकार को सबसे ज़्यादा डराती है, क्योंकि सच्चा पत्रकार सत्ता से समझौता नहीं करता है।