नई दिल्ली। भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। संसद में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक यात्रियों ने खाने की गुणवत्ता से जुड़ी कुल 6,645 शिकायतें दर्ज कराई हैं। ये शिकायतें इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) को मिली हैं।
रेल मंत्री के अनुसार, इन शिकायतों में यात्रियों ने खाने की गुणवत्ता, स्वाद, साफ-सफाई और समय पर डिलीवरी जैसी समस्याएं उठाईं। IRCTC ने इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए संबंधित कैटरिंग ठेकेदारों को नोटिस जारी किए हैं और कई मामलों में जुर्माना भी लगाया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से इसकी जानकारी दी।
रेल मंत्री ने बताया कि इन हजारों शिकायतों में से 1,341 मामलों में खाद्य आपूर्तिकर्ताओं पर जुर्माना लगाया गया, जबकि 2,995 मामलों में चेतावनी दी गई, और 1,547 मामलों में सलाहनुमा निर्देश जारी किए गए। इसके अलावा बाकी 762 मामलों में अन्य अनुशासनात्मक और सुधारात्मक कदम उठाए गए।
रेल मंत्री ने पिछले पांच वर्षों का भी डेटा सदन में पेश किया। इसके अनुसार, 2023-24 में यात्रियों से कुल 7,026 शिकायतें आईं, 2022-23 में 4,421 शिकायतें और 2021-22 में 1,082 शिकायतें दर्ज की गई थीं। पांच साल का डेटा देखा जाए तो 19 हजार से ज्यादा लोगों IRCTC को भोजन से जुड़ी शिकायत की है।
राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान CPI(M) सांसद जॉन ब्रिटास ने सवाल उठाया कि क्या IRCTC ने वंदे भारत और अन्य लंबी दूरी की ट्रेनों में खानपान सेवा देने के लिए एक ही कॉर्पोरेट समूह को अलग-अलग संबद्ध कंपनियों के माध्यम से ठेके दिए हैं?
इस पर रेल मंत्री ने जवाब दिया कि IRCTC सभी ट्रेनों के ऑनबोर्ड कैटरिंग सर्विसेज के लिए ओपन टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाता है, जो पूरी तरह पारदर्शी होती है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत सहित सभी ट्रेनों के लिए सेवाप्रदाता कंपनियों का चयन सबसे अधिक बोली लगाने वालों के आधार पर किया जाता है, और इसकी जानकारी IRCTC की वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन में मौजूद है। फिलहाल 20 कंपनियों को ट्रेन क्लस्टर्स के अनुबंध दिए गए हैं।