नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षकों को संबोधित करे रहे हैं। 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा विषय पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने छात्र को 21वीं सदी की स्किल्स के साथ आगे बढ़ाना है। 21वीं सदी की स्किल्स ये होंगी- क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलैबोरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन। 



प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि Syllabus को कम किया जा सके और Fundamental चीज़ों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके। लर्निंग को Integrated एवं Inter-Disciplinary, Fun Based और Complete Experience बनाया जा सके। एक टेस्ट, एक मार्क्सशीट क्या बच्चों के सीखने की, उनके मानसिक विकास की Parameter हो सकती है? आज सच्चाई ये है कि मार्क्सशीट, मानसिक प्रैशरशीट बन गई है। हमारी पहले की जो शिक्षा नीति रही है, उसने हमारे Students को बहुत बांध भी दिया था। जो विद्यार्थी Science लेता है वो Arts या Commerce नहीं पढ़ सकता था। Arts-Commerce वालों के लिए मान लिया गया कि ये History, Geography, Accounts इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि ये साइन्स नहीं पढ़ सकते। लेकिन क्या Real World में, हमारे आपके जीवन में ऐसा होता है कि केवल एक ही फील्ड की जानकारी से सारे काम हो जाएं? हकीकत में सभी विषय एक दूसरे से जुड़े हुये हैं। हर Learning Inter-Related है। 





पीएम मोदी ने कहा कि अब तो काम की असली शुरुआत हुई है। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उतने ही प्रभावी तरीके से लागू करना है और ये काम हम सब मिलकर करेंगे। नई शिक्षा नीति नए भारत की, नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है। इसके पीछे पिछले 4-5 वर्षों की कड़ी मेहनत है, हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है लेकिन ये काम अभी पूरा नहीं हुआ है।