नई दिल्ली। अपने विवादित और मूर्खता भरे बयानों के लिए देशभर में विख्यात त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिल्पब देब ने एक बार फिर से ऐसा ही बयान दिया है। इस बार उन्होंने कहा कि पंजाबी और जाट शारीरिक रूप से तो मजबूत होते हैं लेकिन दिमाग के मामले में कमजोर होते हैं। देब ने यह बेतुका बयान उस समय दिया जब वे अगरतला प्रेस क्लब में देश के विभिन्न समुदायों और राज्यों के लोगों से जुड़ी कथित बारीकियों को समझा रहे थे। हालांकि, इस बयान के बाद देब ने सफाई देते हुए यह भी कहा कि उनकी भावना किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी और अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची है तो वे माफी मांगते हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि उनके कई दोस्त इन दोनों समुदाय से आते हैं और उन्हें इन दोनों समुदायों पर गर्व है। 

अगरतला प्रेस क्लब में देब ने बयान दिया, "अगर हम पंजाब के लोगों की बात करें तो हम कहते हैं, वह एक पंजाबी हैं, एक सरदार हैं! सरदार किसी से नहीं डरता। वे बहुत मजबूत होते हैं लेकिन दिमाग कम होता है। कोई भी उन्हें ताकत से नहीं बल्कि प्यार और स्नेह के साथ जीत सकता है। मैं आपको हरियाणा के जाटों के बारे में बताता हूं। तो लोग जाटों के बारे में कैसे बात करते हैं... वे कहते हैं... जाट कम बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। यदि आप एक जाट को चुनौती देते हैं, तो वह अपनी बंदूक अपने घर से बाहर ले आएगा। बंगाल या बंगालियों के लिए, यह कहा जाता है कि उन्हें बुद्धिमत्ता के संबंध में चुनौती नहीं देनी चाहिए। बंगालियों को बहुत बुद्धिमान माना जाता है और यह भारत में उनकी पहचान है, जैसे हर समुदाय को एक निश्चित प्रकार और चरित्र के साथ जाना जाता है।"

यह पहली बार नहीं है जब देब ने इस तरह का बयान दिया हो। वे त्रिपुरा के पड़ोसी राज्यों में कोरोना के गलत आंकड़े देने के अलावा महाभारत में इंटरनेट होने, युवाओं को सरकारी नौकरी की जगह पान की दुकान खोलने इत्यादि जैसे बयान भी दे चुके हैं।