पुरी। अब ओडिशा के पुरी शहर में भी अमेरिका, इंग्लैंड, जापान और सिंगापुर जैसे देशों की ही तरह पीने के पानी के लिए अलग से नल खोजने की जरूरत नहीं होगी और ना ही पानी पीने के  लिए मिनरल वाटर खऱीदना पड़ेगा। विश्व के विकसित देशों की ही तरह जगन्नाथ पुरी में भी हर नल से पीने के पानी की सप्लाई करने का काम शुरु हो चुका है। पुरी में घरों के साथ-साथ शहर के हर नल से साफ स्वच्छ और उच्चगुणवत्ता पूर्ण पानी की सप्लाई की जाएगी। ओडिशा सरकार ने सुजल-ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन योजना की शुरुआत कर दी है। इसकी शुरुआत पुरी से की गई है। अब पुरी देश का पहला शहर बन गया है जहां 24 बाय 7 हर नल से पीने का साफ पानी मिल सकेगा।

 ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने सोमवार को सुजल-ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन की शुरुआत की। पुरी की गिनती विकसित देशों के चुनिंदा शहरों में होने लगी है, जहां नल के माध्यम से शुद्ध पानी मिलता है।

दरअसल सुजल मिशन का लक्ष्य 15 से अधिक शहरी इलाकों में पीने का साफ पानी उपलब्ध करवाना है। इससे विभिन्न शहरों के 15 लाख से ज्यादा की आबादी को पीने का साफ पानी मिल सकेगा। फिलहाल शुरुआत पुरी से हुई है। ओडिशा सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2022 तक प्रदेश के सभी शहरों में पीने योग्य साफ पानी नलों के माध्यम से सप्लाई हो सके। पुरी को नल से पीने का पानी सप्लाई करने वाला पहला शहर बन गया है, अगर सब कुछ प्लानिंग के तहत हुआ तो मार्च 2020 तक योजना के पूरा होते ही ओडिशा भारत का पहला प्रदेश बन जाएगा, जहां ड्रिंक वाटर फ्राम टैप योजना पूरी हो चुकी  होगी।

दरअसर हर नल से पीने के साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तेजी से काम जारी है। सुजल-ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन में किसी तरह की परेशानी आने पर शिकायत करने के लिए IVRS के साथ 24/7 हेल्पलाइन सेंटर, मोबाइल वॉटर टेस्टिंग लैब की भी व्यवस्था है। वहीं इनसे जुड़ी किसी भी तरह की शिकायतों के तुरंत निवारण के लिए क्विक रिस्पान्स टीम भी बनाई गई है, जो इनपर तत्काल एक्शन लेगी।

ओडिशा के पुरी का धार्मिक और आध्यत्मिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। अब यहां वर्ल्ड क्लास सुविधाएं भी मिलने लगी हैं। माना जा रहा है इस योजना से पुरी के साथ-साथ प्रदेश में लोगों के पीने के पानी की समस्या दूर होगी औऱ पानी के साफ नहीं होने वाली दिक्कतों से भी छुटकारा मिल सकेगा।

पुरी में ड्रिंक फ्रॉम टैप योजना का लाभ शहर के ढाई लाख लोगों के साथ-साथ हर साल भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने आने वाले 2 करोड़ श्रद्धालुओं को भी मिलेगा। हर नल से पीने का पानी मिलने से मिनरल बॉटल्स से होने वाले प्लास्टिक के कचरे में सालाना करीब 400 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे में कमी आएगी।ओडिशा के 5T  स्कीम के तहत 16 शहरों की 40 लाख से ज्यादा आबादी के लिए ड्रिंक फ्रॉम टैप योजना के तहत शुद्ध पीने का पानी पहुंचाने का काम जारी है।