नई दिल्ली। देश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस नेता व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने देश के बड़े संस्थानों में खाली पदों की रिपोर्ट साझा करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार युवाओं को पास असली डिग्री रखने के लिए दंडित कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि OBC, SC और ST उम्मीदवारों को विशेष रूप से दंडित किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, 'शिक्षित युवा बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि भारत सरकार असली डिग्री लेने के लिए उन्हें दंडित कर रही है, विशेषकर ओबीसी-एससी-एसटी उम्मीदवारों को।' 

राहुल गांधी ने इसके साथ ही कुछ रिपोर्ट्स की क्लिप्स भी शेयर की हैं, जिनमें आईआईटी, एनआईटी जैसे संस्थानों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों का जिक्र है। SC/ST और OBC के लिए आरक्षित पदों के खाली पड़े होने के आंकड़े भी इन रिपोर्ट्स में दिए हैं। राहुल ने सरकारी आंकड़ों पर आधारित जो रिपोर्ट शेयर की है, उसके मुताबिक आईआईएम जैसे देश के शीर्ष संस्थान में कुल 1,266 पदों में से 934 यानी 73.7 फीसदी पद खाली हैं। यानी देश का इतना नामी संस्थान महज 26.3 फीसदी शिक्षकों के सहारे चल रहा है। इतना ही नहीं, आईआईएम में एसटी कैटेगरी के शिक्षकों की 79 फीसदी सीटें खाली हैं। इसी तरह के डरावने आंकड़े अन्य शीर्ष संस्थाओं के भी हैं। 

सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम जैसे अन्य देश के टॉप संस्थानों को मिलाकर बात करें तो ओबीसी कैटेगरी की 52 फीसदी, एससी कैटेगरी की 38 फीसदी और एसटी कैटेगरी की 43 फीसदी सीटें खाली हैं। ये आंकड़े खुद केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दे चुके हैं। केंद्रीय मंत्री निशंक ने लोकसभा में तीन कांग्रेस सांसदों की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में देश के उच्च शिक्षण संस्थानों का यह हाल बयान किया था। 

देश के उच्च शिक्षण संस्थानों का यह हाल चिंता में डालने वाला है। आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से पढ़कर निकले छात्र ही दुनियाभर में भारत का लोहा मनवाते हैं और देश का नाम रोशन करते हैं। इतना ही नहीं, देश के आर्थिक-शैक्षिक विकास में भी उनका अहम योगदान होता है। ऐसे में अगर इन शीर्ष संस्थाओं में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं होंगे, तो देश के युवाओं के लिए बेहतर भविष्य का कल्पना करना मुश्किल हो जाएगा।

राहुल गांधी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार मुखर रहते हैं। इसके पहले उन्होंने निजीकरण को लेकर केंद्र पर हमला बोला था। राहुल ने बैंक कर्मियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए लिखा है कि  'केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है। सरकारी बैंक मोदी मित्रों को बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा से खिलवाड़ है। मैं हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों के साथ हूँ।'