नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन एक महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी है, लेकिन मोदी सरकार उनकी मांगें मानने को तैयार नहीं है। दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में किसान पूरी ताकत से अपनी मांगों के लिए डटे हुए हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए एक कविता ट्विटर पर शेयर की है, जिसमें उन्होंने सरकारी दमन के बावजूद आंदोलन के मोर्चे पर डटे किसानों की तारीफ करते हुए उनके प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है। राहुल ने जो कविता ट्वीट की है, वो इस तरह है: 



'वीर तुम बढ़े चलो



धीर तुम बढ़े चलो



वॉटर गन की बौछार हो



या गीदड़ भभकी हज़ार हो



तुम निडर डरो नहीं 



तुम निडर डटो वहीं



वीर तुम बढ़े चलो



अन्नदाता तुम बढ़े चलो!'



 





दरअसल राहुल गांधी ने जो कविता पोस्ट की है वह मशहूर कवि द्वारका प्रसाद माहेश्वरी की जानी पहचानी कविता पर आधारित है। मूल कविता की कुछ लाइनें जो स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल भी रही हैं, इस तरह हैं : 



वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !



सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो



तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं



वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !



प्रात हो कि रात हो संग हो न साथ हो



सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो



वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !



शनिवार को राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार को किसानों की बातें सुननी पड़ेंगी। उन्होंने विरोध प्रदर्शन का प्रतीक बन चुके 'बेला चाओ' गीत के किसानों वाले मॉडिफाइड वर्जन को ट्वीट किया था। राहुल ने इसके साथ लिखा, 'मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा।'





पीएम मोदी के मन की बात शुरू होने के एक घंटे पहले राहुल ने आज इस कविता के माध्यम से किसानों को हौसला रखने की बात कही। बता दें कि आज किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान थाली बजाकर विरोध करने का एलान किया था। किसानों का कहना है कि अब वक्त आ गया है जब पीएम को मन की बात की जगह जन की बात करनी चाहिए।