जयपुर। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ देशभर में विरोध बढ़ता जा रहा है। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल कलराज मिश्रा को ज्ञापन दिया है। इस ज्ञापन के माध्यम से सीएम गहलोत ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया है और कृषि बिलों को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

सोमवार को राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस नेता ने लिखा है कि, 'भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन कृषि नहीं। मोदी सरकार ने भारत के किसानों और कृषि क्षेत्र के खिलाफ एक शैतानी षड्यंत्र रचा है। केंद्रीय भाजपा सरकार किसान विरोधी बिलों को लाकर हरित क्रांति को पराजित करने की साजिश रच रही है। चंद पूंजीपतियों के हितों को संरक्षित रखने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत अन्नदाता किसान की बलि चढ़ाई जा रही है।'

उन्होंने आगे लिखा कि, 'पूरे भारत में 62 करोड़ किसान और खेतिहर मजदूर आंदोलन कर रहे हैं। 250 से अधिक किसान संगठन धरने पर बैठे हैं, भूख हड़ताल पर हैं और भारत भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता के नशे में मदमस्त सिर्फ अपने पूंजीवादी मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की हर यंत्रणा की ओर से आंख मूंदे हुए हैं तथा विरोध के हर स्वर को कुचलने पर आमादा हैं।' सीएम ने राष्ट्रपति से मांग की है इन विधेयकों के वर्तमान स्वरूप को तत्काल वापस लिया जाए।

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बता दें कि सोमवार को जयपुर में इन विवादास्पद कृषि बिलों को लेकर पैदल मार्च प्रस्तावित था, हालांकि राजधानी में धारा 144 लगी होने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया। वहीं राज्यपाल ने भी ज्ञापन के लिए दो लोगों की अनुमति दी थी जिसके बाद सीएम गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा राज्यपाल भवन पहुंचे।