नई दिल्ली। संसद भवन में बिहार विधानसभा के अंदर विपक्ष के विधायकों के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता का मामला नहीं उठाने दिया गया है। राज्यसभा में आरजेडी के सांसद मनोज झा ने आज बिहार विधानसभा में सदन के सदस्यों पर बलप्रयोग का मुद्दा जब उठाना चाहा तो सभापति एम. वेंकेया नायडू ने यह कहकर उसे रोक दिया कि यह एक राज्य का मामला है। मनोज झा ने सदन में कहा कि बिहार में लोकतंत्र का शव निकला है।



राज्यसभा में मनोज झा ने जैसे ही बिहार विधानसभा में हुए घटनाक्रम का मुद्दा उठाया तो राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने यह तर्क दिया कि यह राज्य का विषय है मैं इसे यहां उठाने की अनुमति नहीं दे सकता। इसपर कांग्रेस के सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर किसी राज्य में अन्याय हुआ है तो हम उस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। इसके बावजूद सभापति ने कहा कि सभापति हम सबसे पहले फिनान्स बिल पर चर्चा करेंगे, फिर NCT दिल्ली बिल पर चर्चा करेंगे।



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सभापति द्वारा राज्य का मुद्दा उठाने से रोके जाने के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, 'बिहार राष्ट्रपति शासन के लिये फिट केस है। मुझे मुद्दा उठाने नहीं दिया गया। महिलाओं के साथ क्या हुआ? विधानसभा में पुलिस भेजा गया। 40 सीटों वाले मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? बिहार में तो लोकतंत्र का शव निकला है।'



राहुल ने बताया लोकतंत्र का चीरहरण 



बिहार के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आक्रोश व्यक्त किया है। राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र का चीरहरण करार दिया है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, 'बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह RSS/BJP-मय हो चुके हैं। लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा- हम नहीं डरते।' 





गौरतलब है कि कल बिहार विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बीच विधायकों के साथ मारपीट की गई जिसमें कई विधायक घायल हो गए। इस दौरान विधायकों को घसीटकर बाहर फेंका गया। इतना ही नहीं विपक्ष के महिला विधायकों के साथ भी अभद्रता की गई। इस घटना के बाद से ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौतरफा आलोचनाओं से घिरे हुए हैं।