नई दिल्ली/मुंबई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की केंद्र के साथ चल रही खींचतान के बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की ताज़ा स्थिति को लेकर जमकर खिल्ली उड़ाई है। शिवसेना ने सामना में कहा है कि उत्तर प्रदेश में सवर्ण तबके ने अब बीजेपी से अपना मुंह मोड़ लिया है। जिस वजह से बीजेपी अब ब्राहमण वोटरों के आसरे है। 

शिवसेना ने सामना में कहा है कि उत्तर प्रदेश में अब तक बीजेपी को किसी तरह की जातिय समीकरण की दरकार नहीं होती थी। लेकिन अब हालात इतने बुरे हो चले हैं कि बीजेपी को अब ब्राहमण वोटरों का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके लिए बीजेपी जितिन प्रसाद जैसे नेता के सहारे है। 

सामना में कहा गया है कि अगर जितिन प्रसाद इतने बड़े ही नेता हैं और ब्राहमण वोटरों को अपने पाले में करने का माद्दा रखते हैं तो ऐसा वे कांग्रेस के लिए क्यों नहीं कर पाए? जितिन प्रसाद खुद क्यों चुनाव हार गए? सामना में पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी की स्थिति पर टिप्पणी की गई है। सामना में कहा गया है कि बंगाल में भी बीजेपी अब बैकफुट पर चली गई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि चुनाव से पहले बीजेपी ने टीएमसी से जो नेता उधार लिए थे वो सब अब टीएमसी में लौटने लगे हैं। 

सामना में विभिन्न राज्यों में कांग्रेस की खराब स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की गई है। सामना में कहा गया है कि केरल में अच्छी स्थिति होने के बावजूद कांग्रेस सत्ता पर काबिज नहीं जो सकी। असम में भी कांग्रेस इतने अच्छे अवसर को भुना नहीं पाई। राजस्थान और पंजाब में कांग्रेस के भीतर उठापटक जारी है। मजीद वक्त में केवल कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में ही कांग्रेस अच्छी स्थिति में है। सामना ने कांग्रेस के लगातार गिरते चुनावी ग्राफ को लोकतंत्र के लिए घातक बताया गया है।